हिसार में फूल खिलाने के लिए आईएएस बृजेंद्र सिंह को दी गई टिकट

Edited By kamal, Updated: 14 Apr, 2019 03:07 PM

tickets given to ias brijendra singh for flowering in hissar

हिसार में पहली बार कमल खिलाने के लिए भाजपा ने केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को प्रत्याशी...

हिसार (विनोद सैनी): हिसार में पहली बार कमल खिलाने के लिए भाजपा ने केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। बृजेंद्र सिंह के राजनीति में आने के कई महीनों से कयास लगाए जा रहे थे। 23 दिसंबर को जींद में किसान दिवस पर आयोजित सम्मेलन में वह मुख्य वक्ता थे। इस दौरान भी उनके राजनीति में आने की घोषणा करने की चर्चाए थी।

उस माना जा रहा था कि जींद में किसान सम्मेलन करने का उदेश्य से सोनीपत से भाजपा की टिकट बृजेंद्र सिंह के लिए केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह द्वारा मांगा जाएगा। इस बात को केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी विधायक प्रेमलतान खुले मंच से खुद ऐलान कर चुकी थी। कि उनके बेटे को राजनीति में आना चाहिए।

बृजेंद्र हरियाणा कैडर 1998 के आइएएस है। दिल्ली में पढ़ाई करने वाले बृजेंद्र सिंह का जन्म 13 मई 1972 को हुआ था। चार साल दादी के पास रोहतक में, छठी से आठवीं तक चंडीगढ़, नौंवी से बारहवीं तक दिल्ली के 12 खंबा रोड पर मॉर्डन स्कूल, एमए हिस्ट्री जेएनयू दिल्ली से की। बृजेंद्र सिंह ने बीए ऑनर्स (हिस्ट्री) डिफेंस कॉलेज दिल्ली से की। इस कॉलेज से सर छोटूराम एवं बृजेंद्र सिंह के दादा नेकी राम ने शिक्षा ग्रहण की थी।

ऑल इंडिया में आइएएस परीक्षा में 9वां स्थान प्राप्त किया था। 26 साल की उम्र में आइएएस बनने के बाद पहली ज्वाईनिंग नारनौल एसडीएम के तौर पर हुई थी। सिरसा एडीसी पद पर रहे। पंचकूला, फरीदाबाद, चंडीगढ़ में डीसी रहे। हुडडा के एमडी रहने के बाद हाल में हैफेड के एमडी है।  

पत्नी एचडीएफसी बैंक में अधिकारी
बृजेंद्र सिंह की पत्नी जसमित सिंह एचडीएफसी बैंक चंडीगढ़ में अधिकारी के पद पर कार्यरत है। दो बच्चे है। समरवीर आठवीं कक्षा का छात्र है तो बेटी कुदरत सिंह 12वीं कक्षा की छात्रा है। हरियाणा 1998 आइएएस बृजेंद्र सिंह का कार्याकाल 2032 तक है। अब वो स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर अपनी राजनीति पारी की शुरूआत भाजपा से करेंगे।

2022 तक राज्यसभा सदस्य है बीरेंद्र सिंह
परिवार के सदस्य को तीसरी टिकट न देने बेटे को टिकट देने पर राज्यसभा सदस्य पद से इतीफा देने की बात भी केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने भाजपा हाईकमान को कह दी थी। 2022 तक राज्यसभा सदस्य बीरेंद्र सिंह है। वे अपने बेटे को राजनीति में लाने के लिए चुनाव लडऩे से मना कर चुके है। कांग्रेस से सात बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके बीरेंद्र सिंह पांच बार विधायक भी बन चुके है। एक बार राज्यसभा सदस्य एवं एक लोकसभा सांसद भी वो चुने जा चुके है। तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके है। 2014 में कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रहे बीरेंद्र सिंह कांग्रेस छोड़ कर 42 साल पुराना नाता तोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे।  

 

 

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