Edited By Vivek Rai, Updated: 17 May, 2022 02:15 PM
पानीपत की राजीव कॉलोनी इन दिनों चर्चाओं में खुब है। यहां के लोगों ने रहने के लिए ऐसा जुगाड़ लगाया हुआ है कि जिसकी चारों ओर चर्चा हो रही है। यहां ऐसे घरों को निर्माण लोगों ने किया है जो कि सबको हैरान करता है। दरअसल, यहां 7 गज में मकान बने हैं और...
पानीपत(सचिन): पानीपत की राजीव कॉलोनी इन दिनों चर्चाओं में खुब है। यहां के लोगों ने रहने के लिए ऐसा जुगाड़ लगाया हुआ है कि जिसकी चारों ओर चर्चा हो रही है। यहां ऐसे घरों को निर्माण लोगों ने किया है जो कि सबको हैरान करता है। दरअसल, यहां 7 गज में मकान बने हैं और इन्ही मकानों में लोग अपना जीवन व्यापन करते हैं।
बढ़ती आबादी और घटते रहियाशी इलाकों के चलते आदमी छोटे से घरों में सिमट गया है। छोटे घर के नाम पर आपके जहन में कम से कम वन बीएचके आता होगा। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो गलत हैं। ये घर इतने छोटे हैं कि वन बीएचके की जगह में तीन बन जायें। इनकी यही साइज इनकी पहचान बन गई है। इस कॉलोनी में करीब 600 से 700 घर हैं। जिसमें से 100 से अधिक घर ऐसे हैं जो 7 गज से लेकर 20 गज तक की जमीन पर बने हुए हैं।
हैरानती तब तब होती हैं जिनमें से कईं मकान तो तीन मंजिला तक बने हैं। इतने छोटे घरों के एक छोटे से कमरे में कई परिवार तो आठ सदस्यों के साथ रहते हैं। हलांकि ये कॉलोनी अधिकृत नहीं है। यहां पर जिसको जहां जगह मिली वो अपना घर बनाता चला गया। इस इलाके में ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। रोजी-रोटी कमाने के लिए हरियाणा आये ये परिवार अपनी जरुरत के हिसाब से इस इलाके में बसते चले गए। बाद में कुछ बिल्डरों ने भी अवैध रूप से जमीन की प्लॉटिंग कर डाली।
कॉलोनी भले ही वैध ना हो लेकिन यहां नगर निगम के टैक्स, बिजली के बिल और पानी के बिल तक घरों में आते हैं। अगर रेट की बात की जाए तो यहां जमीन के रेट 6000 रुपये गज से लेकर 10 हजार रुपये गज तक चल रहा है।
अगर बात की जाए 7गज की जमीन वाले घर में तो गली के बाहर निकलने वाले छज्जे को मिलाकर एक बेड की जगह बनती है। तीन मंजिल वाले घरों में एक मंजिल पर बेडरूम, एक मंजिल पर शौचालय बनाये गये हैं। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि 7 गज जमीन में लोग कैसे रह रहे हैं ।
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