Edited By Yakeen Kumar, Updated: 30 Sep, 2025 09:19 PM

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भरत पाराशर और न्यायमूर्ति अजीत अत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि
रोहतक : सांपला क्षेत्र का भैसरू कलां गांव अब एक अनूठी पहल के तहत ‘शून्य विवाद मॉडल गांव’ बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने गांव को मॉडल बनाने के लिए कम्युनिटी मेडिएशन सेंटर कैंप का आयोजन किया।
कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भरत पाराशर और न्यायमूर्ति अजीत अत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि यह देशभर में शुरू किए जा रहे पायलट प्रोजेक्ट की पहली कड़ी है। उद्देश्य है कि छोटे-छोटे विवादों को आपसी बातचीत और मध्यस्थता से सुलझाया जाए, न कि हर मामले को अदालत तक ले जाया जाए।
गांव में बनाई जाएंगी विशेष कमेटी

इसके लिए गांव में विशेष कमेटियां बनाई जाएंगी और सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे विवादों को कानूनी प्रक्रियाओं में उलझाने की बजाय आपसी सहमति से हल कर सकें। अधिकारियों का कहना है कि भैसरू कलां को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां विवाद बेहद कम दर्ज होते हैं। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो कोर्ट में चल रहे पुराने मामले भी निपटाए जा सकेंगे।
विधिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ग्राम स्तरीय मध्यस्थता समिति के फैसलों को अदालत भी मान्यता देगी। इस प्रयास से समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी और गांव में भाईचारा व सामाजिक सौहार्द और मजबूत होगा। अब भैसरू कलां को शून्य विवाद गांव बनाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है और इसे प्रदेश में मिसाल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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