Edited By Shivam, Updated: 11 Oct, 2020 05:33 PM
चोरी की सीसीटीवी में कैद वारदातें तो आपने बहुत देखी होंगी। लेकिन आज हम आपको कैमरे में कैद चोरों को सीधा दिखाने जा रहे हैं। चोरी कहां हो रही है ये भी बताएंगे, लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि चोरी दिनदहाड़े होती है और चोरी का सामान कबाड़ी को बेचकर...
बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़): चोरी की सीसीटीवी में कैद वारदातें तो आपने बहुत देखी होंगी। लेकिन आज हम आपको कैमरे में कैद चोरों को सीधा दिखाने जा रहे हैं। चोरी कहां हो रही है ये भी बताएंगे, लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि चोरी दिनदहाड़े होती है और चोरी का सामान कबाड़ी को बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जाता है।
मामला बहादुरगढ़ का है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के 696 फ्लैटों में ये चोरी हर रोज हो रही है। चोर बड़े-बड़े हथौड़े लेकर आते हैं और फ्लैटों की ग्रिल, जंगले, चौखट और दरवाजे उतार कर ले जाते हैं। दरअसल, जवाहरलाल नेहरू शहरी मिशन कार्यक्रम के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 25 करोड़ की लागत से ये फ्लैट तैयार करवाए थे जो अब खंडहर बन गए हैं और फ्लैटों का ज्यादातर सामान चोरी हो गया है जो बचा है वो हर रोज चोरी हो रहा है। प्रशाासन की लापरवाही ऐसी कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की करोड़ों की प्रापर्टी खंडहर हो गई है।
खंडहर से भी हर सामान चोरी हो गया है। जो बचा है वो अब भी दिनदहाड़े चोरी हो रहा है। चोर हमारे कैमरे में कैद हो चुके हैं। बड़े बड़े हथौड़े लेकर चोर दिनदहाड़े सरेआम फ्लैटों की ग्रिल को तोड़ रहे हैं। फ्लैटों के दरवाजे, खिड़की और चौखट को ये पहले ही तोड़कर, चुराकर बेच चुके हैं।
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हैरानीजनक है कि दिनदहाड़े हो रही चोरी की सूचना पुलिस और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भी है। आसपास के लोगों का कहना है कि हर रोज चोरी हो रही है। कई बार चोरों को रोकने की कोशिश की तो रोकने वालों को चोरों ने डरा दिया और अब चोरों के डर से कोई उन्हें रोकता और टोकता नहीं है।
सरकारी धन की हो रही बेकद्री के बारे में जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के एक्सईएन संदीप दहिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन फ्लैटों के निर्माण का टेंडर हुडा विभाग ने किया था और अब तक इन फ्लैटों को ठेकेदार से विभाग ने हैंडओवर नहीं लिया है। अब तक प्रशासन की तरफ से अलॉटियों की लिस्ट भी नहीं मिली है। ऐेसें में रखरखाव का जिम्मा ठेकेदार का ही है।
सरकार, विभाग और ठेकेदार की लापरवाही से करोड़ों की लागत से बने इन फ्लैटों से अब तक करोड़ों का सामान चोरी हो चुका है। ऐसे में जब इनके अलॉटमैंट की बारी आएगी तब फिर से इन फ्लैटों को रिपेयर करवाया जाएगा और फिर से उस रिपेयर वर्क पर करोड़ों खर्च किए जाएंगे। वो करोड़ों भी सरकार के खाते से ही निकलने वाले हैं। ऐसे में जरूरी है इस बेकद्री के जिम्मेदार लोगों की पहचान करने की और उनकी जिम्मेदारी फिक्स कर उन पर सख्त कार्यवाही की ताकि सरकारी धन की सरेआम लूट बंद हो सके।