26 साल से 'पानी का प्यासा' पड़ा गांव का टैंक, करोड़ों की जमीन पर करोड़ों खर्च

Edited By Naveen Dalal, Updated: 08 Jun, 2019 10:18 PM

the tank of the village  water thirsty  for 26 years spent

दादरी जिले के गांव मकड़ाना में कई वर्षों से बने वाटर टैंक में पानी की सप्लाई न छोड़ने के कारण ग्रामीणों ने टैंक में पेयजल उपलब्ध...

भिवानी (अशोक भारद्वाज): दादरी जिले के गांव मकड़ाना में कई वर्षों से बने वाटर टैंक में पानी की सप्लाई न छोड़ने के कारण ग्रामीणों ने टैंक में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए विरोध जताया। ग्राम पंचायत व गांव की लोकल पंचायत प्रस्ताव तैयार कर विभाग व मुख्यमंत्री को भेज चुकी है पर इस मामले में गहनता नहीं ली गई है। इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने 4 नवम्बर को सीएम से भी गुहार लगाई थी। लेकिन इस बड़ी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

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लेकिन अब ग्रामीणों अपील की है कि सरकार उनकी इस समस्या को जल्द हल करें या फिर इस टैंक को मिट्टी से भरवा दे, ताकि करोड़ों की यह जमीन किसी और काम में गांव प्रयोग कर सके। गांव वालों के मुताबिक इस टैंक में करीब 26 वर्ष से पानी की बूंद तक नहीं आई है। गांव के लोग इस समस्या से पीड़ित है क्योंकि गांव में पानी खारा है, जिसके चलते लोग पानी के टैंकर खरीद कर पानी पी रहे हैं, तालाबों में भी पानी कई वर्ष का खड़ा है, जो खराब है, जिससे पशु बीमार हो रहे हैं।

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विभाग द्वारा भाला से पानी भेजा जाता है जो कभी आता है तो कभी 15 दिन तक नहीं आता और वह पानी पीने योग्य भी नही है, जिसको लोग नालियों में छोड़ रहे हैं। जिससे और दूसरी समस्या बनी हुई हैं। इसलिए सरकार गांव में पानी चांगरोड पुआइन्ट से इस टैंक में डालें, ताकि टैंक पर खर्च किए करोड़ों रुपये का लाभ गांव को मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि इस समस्या को हल कर दिया जाता है तो यहां आसपास के काफी गांव भी इस जलघर की सेवा ले सकते हैं। लेकिन कई सरकार आई हैं और कई सरकार गई हैं लेकिन अभीतक इस समस्या पर कोई हल नहीं निकला है।

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गांव से राजबीर प्रधान,विराट कुमार,राजकुमार,युद्धबीर ,राजकुमार व अजीत सिंह प्रधान सहित गांव के अनेक प्रबुद्ध व्यक्तियों ने बताया कि गांव ने करोड़ों की जमीन वॉटर टैंक के लिए दी थी,ताकि गांव व आसपास के अन्य गांवों की प्यास मिट सके। लेकिन यहाँ गांव की जमीन पर यह टैंक करीब 1996 -97 में बना था तब से आज तक 26  वर्ष बीत गए लेकिन इस टैंक एक बून्द पानी नहीं पहुंची है, तो इस प्रकार के विकास का क्या फायदा, जिस पर करोड़ो खर्च कर दिया गया। लेकिन ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

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उन्होंने कहा कि वे कई बार संबंधित विभाग को सूचित कर चुके हैं पर अब तक समस्या का कोई हल नहीं निकाला गया है करोड़ों रूपए मिट्टी में मिल रहे हैं और ग्रामीण पेयजल समस्या से झूझ रहे हैं ,उन्होंने बताया कि इस टैंक से कई गांवों को जलापूर्ति होनी थी पर अब तक इसका कोई हल नहीं निकाला गया है। इसलिए सीएम साहब से अपील है कि हमारे गांव की इस समस्या का हल जल्द निकालों ताकि हमें पानी खरीदकर न पीना पड़े। कहा कि इस टैंक की पाइप लाइन के लिए गांव ने भी हजारों रूपए दिए हैं। लेकिन ग्रामीणों को फिर प्यासा मरना पड़ रहा है और पीने के लिए हर दिन पैसे खर्च करने पड़ रहे है।

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