Edited By Manisha rana, Updated: 23 Oct, 2024 11:02 AM
जिले भर की अनाज मंडियों में धान की मार्केट फीस चोरी का खेल चल रहा है। इसका खुलासा मार्केटिंग बोर्ड की टीम द्वारा की चेकिंग में हुआ है।
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : जिले भर की अनाज मंडियों में धान की मार्केट फीस चोरी का खेल चल रहा है। इसका खुलासा मार्केटिंग बोर्ड की टीम द्वारा की चेकिंग में हुआ है। कैथल, चीका, ढांड व पूंडरी के 6 राइस मिलों में 1431 क्विंटल बारीक किस्म का धान के का कोई सरकारी रिकार्ड नहीं मिला। यानी बिना गेटपास के मार्केट फीस की चोरी कर धान को मिलों में लाया पाया गया।
इस पर कार्रवाई करते हुए टीमों की तरफ से सभी मिलर्स से मौके पर पेनल्टी सहित 1 लाख 86 हजार 200 रुपए फीस भरवाई गई। मार्केटिंग बोर्ड के सीए की तरफ से अलग- अलग टीमों का गठन करके चेकिंग कराई गई थी। टीमों ने राइस मिलों में जाकर उनके स्टॉक की गिनती की। इसके बाद ई-नेम पोर्टल के गेटपास के साथ उनका मिलान किया। जिसमें काफी अंतर मिला। कैथल के अंदर सबसे ज्यादा गड़बड़ मिली है। जिस मिलर्स के पास जितनी मात्रा में धान फीस चोरी की हुई मिली, उससे उतनी ही संख्या में पेनल्टी व जुर्माने सहित फीस भरवाई गई है।
मंडियों की बजाय प्राइवेट जगहों पर डाली जा रही धान, यहां सबसे ज्यादा फीस चोरी का खतरा
कैथल हो या फिर पूंडरी व ढांड अनाज मंडियों की बजाय प्राइवेट जगहों से लेकर खेतों मेंं भी धान डालकर बेची जा रही है। पीआर धान की एवज में कई आढ़ती बारीक धान भी डलवा रहे हैं। ऐसी जगहों पर सबसे ज्यादा मार्केट फीस चोरी का खतरा है। क्योंकि यहां आढ़ती व्यापारियों को धान बेच देंगे। मार्केट कमेटी की मॉनिटरिंग भी नहीं होगी और आसानी से फीस की चोरी हो जाएगी। इससे सरकार के राजस्व को चपत लगेगी।
मिलीभगत से चलता है ये खेल, फेयर जांच हो तो पकड़ में आएगा बड़ा फर्जीवाड़ा
टीम द्वारा जिन राइस मिलों में चेकिंग की गई, वहीं पर गड़बड़ मिली है। यदि रेंडमली सभी मिलों की चेकिंग की जाए तो मार्केट फीस चोरी का आंकड़ा बढ़ सकता है। जानकारों ने बताया कि मार्केट फीस चोरी कराने में कहीं न कहीं मार्केट कमेटी स्टाफ की ही मिलीभगत हो सकती है, क्योंकि बिना सेटिंग के धान से भरे वाहन गेट पास व फीस भरे बिना बाहर नहीं निकल सकते। इसमें कर्मचारियों के साथ व्यापारी सेटिंग कर लेते हैं, जो मार्केट फीस बनती है, उसका आधा रेट बनाकर अधिकारियों को दे दिया जाता है। या फिर जितनी मात्रा में धान खरीदी है, उसमें से कुछ को बिना मार्केट फीस के बाहर भेज दिया जाता है और कुछ की मार्केट फीस भरा ली जाती है। यदि मार्केट फीस चोरी को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए तो फीस चोरी की रकम करोड़ों में भी रिकवर हो सकती है।
मार्केट कमेटी के अधिकारियों की लापरवाही से लग रही सरकारी राजस्व को चपत
मार्केट कमेटी के अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है कि कोई भी प्राइवेट तौर पर परचेज की गई फसल बिना ई-नेम गेटपास व मार्केट फीस भरे मंडी से बाहर न निकले। यहां बिना मार्केट फीस भरे 1431 क्विंटल धान बिना रिकार्ड के बाहर निकल गई। इससे मार्केट कमेटी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। मंडियों के गेटों पर धान से लोडिड वाहनों के गेटपासों की चेकिंग में चुक कैसे हुई। ये अपने आप में सवाल है।
जानिए... कहां के किस राइस मिल में फीस चोरी की कितनी धान मिली, कितना लगा जुर्माना राइस मिल धान मिली जुर्माना रुपए में
1. सिद्धी विनायक फूड कैथल 364 क्विंटल 45500
2. नंदी राइस मिल कैथल 450 क्विंटल 57000
3. संदीप राइस मिल चीका 345 क्विंटल 43500
4. श्री श्याम राइस मिल ढांड 80 क्विंटल 13000
5. अग्रवाल राइस मिल ढांड 90 क्विंटल 14000
6. अन्नपूर्णा राइस मिल पूंडरी 102 क्विंटल 13200
वहीं अंबाला के जेडएमईओ राजीव चौधरी ने बताया कि उसने कैथल व चीका के राइस मिलों व मंडियों का रिकॉर्ड चेक किया। इसके बाद राइस मिलों की भी चेकिंग की। कैथल के दो व चीका के एक राइस मिल में बिना मार्केट फीस भरी हुई बारीक किस्म की धान मिली। संबंधित राइस मिलर्स से मौके पर जुर्माने सहित मार्केट फीस भरवाई गई। आगे भी मार्केट फीस चोरी को न होने देने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों सख्त निर्देश दिए गए हैं।
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