Edited By Manisha rana, Updated: 10 Jul, 2022 05:00 PM
अक्सर विवादों के चलते सुर्खियों में रहने वाला पानीपत का सिविल अस्पताल एक बार फिर बड़ी लापरवाही के चलते सुर्खियों में है जहां इस बार अस्पताल में ...
पानीपत (सचिन) : अक्सर विवादों के चलते सुर्खियों में रहने वाला पानीपत का सिविल अस्पताल एक बार फिर बड़ी लापरवाही के चलते सुर्खियों में है जहां इस बार अस्पताल में नवजात बच्चे की मौत को लेकर परिजनों का हंगामा देखने को मिला जहां कचरोली गांव से पहुंचे परिजनों ने बताया कि बीते कल बच्चे की नार्मल डिलीवरी हुई थी और आज बड़ी खुशी के साथ वह डिस्चार्ज होकर जच्चे-बच्चे को घर ले जाने आए थे लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उनकी खुशियां मातम में बदल गई।
परिजनों ने कहा कि बच्चे की नार्मल डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने बताया था कि बच्चे को कल दो इंजेक्शन लगेंगे जिसके चलते आज सुबह वह बच्चे को इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया तो उसके कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत की खबर सुनते ही उसकी मां और परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया है।
परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने पहले बोला कि बच्चे को इंजेक्शन नहीं लगना था, क्योंकि बच्चा दो किलो का था फिर डॉक्टरों ने पूछा कि बच्चे को दूध पिलाया होगा इसलिए बच्चे की मौत हुई। लेकिन परिजनों ने बताया कि उन्होंने बच्चे को दूध नहीं पिलाया था। डॉक्टरों ने बोला कि बच्चा खाली पेट था इसलिए इंजेक्शन लगने से उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अपनी लापरवाही और नाकामी को छुपाने के लिए उल्टा उन पर ही लापरवाही का आरोप थोप रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंजेक्शन कितने किलो के बच्चे को खाली पेट या भरे पेट लगना है। यह तो डॉक्टर ही बताएंगे। हमें इंजेक्शन के लिए बोला गया था तो हम इंजेक्शन लगवाने पहुंचे लेकिन टीका लगते ही बच्चे की मौत हो गई।
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