Sonipat: TB मुक्त अभियान को झटका, साल-दर-साल बढ़ रहे मरीज, पिछले साल 4334 थी संख्या

Edited By Manisha rana, Updated: 18 Dec, 2024 10:35 AM

tb free campaign suffers setback patients increasing year after year

टी.बी. मुक्त भारत बनाने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। हालांकि टीबी मरीजों की संख्या को देखते हुए टी.बी. मुक्त अभियान को झटका लगा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल टीबी मरीजों में बढ़ौतरी हुई है।

सोनीपत : टी.बी. मुक्त भारत बनाने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। हालांकि टीबी मरीजों की संख्या को देखते हुए टी.बी. मुक्त अभियान को झटका लगा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल टीबी मरीजों में बढ़ौतरी हुई है। जिले में अब तक 4563 टीबी के मरीज मिले हैं, जबकि पिछले साल 4334 मरीज पाए गए थे। यही नहीं, पिछले 4 साल से साल दर साल टी.बी. मरीजों  की संख्या बढ़ी है। 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा टी.बी. मुक्त करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है, लेकिन इसके बावजूद मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हाल ही में टी.बी. मरीजों की पहचान कराने के लिए गत 20 दिनों से निक्षय अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें गांव-गांव जाकर लोगों में टीबी की पहचान की जा रही है। इसके साथ ही, टीबी को जल्दी ही जड़ से खत्म करने के लिए निक्षय मित्र की पहल की गई है, जिसके तहत टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि उन्हें पौष्टिक आहार मुहैया कराया जा सके।

अगस्त महीने में सबसे ज्यादा मामले आए सामने 

टीबी के मरीज सबसे ज्यादा अगस्त माह में सामने आए हैं। जिले में टी.बी. मरीजों की संख्या में वृद्धि का कारण यह है कि रोजाना नागरिक अस्पताल में 40 से 50 मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। टीबी मरीजों को एक महीने की दवाई दी जाती है, और उनका उपचार चार महीनों तक चलता है। गंभीर टीबी मरीजों का इलाज एक साल तक चलता है। टीबी मरीजों की पहचान के लिए सीबीनेट मशीन टीबी विंग में पहुंच चुकी है, जिससे मरीजों की पहचान 2 घंटे में की जा सकती है।

आधुनिक मशीनों से की जा रही मरीजों की जांच 

टी.बी. की जल्दी पहचान के लिए सीबीनेट मशीन की मांग भेजी गई थी, जिसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी विंग में उपलब्ध करवा दिया गया है। इसके साथ ही, हैंड पोर्टेबल एक्स-रे मशीन भी इस साल सोनीपत नागरिक अस्पताल में मंगाई गई थी, जो कैंप के लिए काफी उपयोगी रही है।

टी.बी. से बचाव के उपाय

अगर आपको पता चलता है कि कोई व्यक्ति टी.बी. से पीड़ित है, तो उससे दूरी बनाए रखें। 
नियमित रूप से हाथ धोएं, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
बच्चों को बी.सी.जी. का टीका लगवाना चाहिए। 
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, संतुलित आहार लें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और पर्याप्त नींद लें।
धूम्रपान न करें। धूम्रपान टी.बी. के खतरे को बढ़ा सकता है। 

गली-गली जाकर की जा रही है टी.बी. मरीजों की पहचान

टी.बी. मरीजों की संख्या बढ़ने का एक कारण यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार टी.बी. मुक्त भारत बनाने के लिए गली-गली जाकर टीबी मरीजों की पहचान की जा रही है। मरीजों की पहचान करने के बाद उनका उपचार शुरू किया जाता है। निक्षय अभियान हर साल चलाया जाता है, जिससे अधिक से अधिक टीबी मरीजों की पहचान की जा सके और भारत को टी.बी. मुक्त बनाया जा सके।

 

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