Kaithal News: त्यौहारों के सीजन में मिठाई विक्रेता डिब्बे सहित मिठाइयां तोल लोगों को लगा रहे चूना

Edited By Manisha rana, Updated: 30 Oct, 2024 07:42 AM

sweet sellers are playing with people s health during the festive season

दीवाली का त्यौहार निकट है और सभी शहरों व कस्बों की तरह चीका शहर में भी मिठाइयों की दुकानें एक से बढ़कर एक मिठाई से सज रही हैं, परंतु शहर के कुछ मिठाई विक्रेता लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही खिलवाड़ नहीं कर रहे, अलबत्ता मिठाई के वजन के साथ गत्ते के...

गुहला चीका : दीवाली का त्यौहार निकट है और सभी शहरों व कस्बों की तरह चीका शहर में भी मिठाइयों की दुकानें एक से बढ़कर एक मिठाई से सज रही हैं, परंतु शहर के कुछ मिठाई विक्रेता लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही खिलवाड़ नहीं कर रहे, अलबत्ता मिठाई के वजन के साथ गत्ते के डिब्बे बेचकर लोगों की जेबों पर भी डाका डाल रहे हैं।

शहर के लोगों सुरेंद्र सिंगला, राजेश कुमार, नरेश यादव, हरजिंद्र सिंह, सुरेश कुमार व काजल ने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि बर्फी की बात की जाए, तो बाजारों में 500 से 1500 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है। 500 रुपए किलो वाली मिठाई के साथ 120 ग्राम वजनी डिब्बा भी तोला जा रहा है। बाजार में खाली डिब्बा मात्र 20 रुपए में मिल रहा है। इससे ग्राहक को 1 किलोग्राम मिठाई की जगह 880 ग्राम ही मिल पाती है, जबकि वह पैसे किलो मिठाई के हिसाब से ही देता है। मिठाई विक्रेता मिठाइयां डिब्बे सहित तोलकर लोगों को प्रतिदिन लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। अधिकारी सैम्पल लेने तक सीमित:मिठाई विक्रेता जिस प्रकार से खुलेआम घटिया मिठाई बेच रहे हैं, उससे लगता है कि सम्बन्धित अधिकारी सैम्पल भरने की मामूली कार्रवाई कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। इस सम्बन्ध में जब कुछ दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी दुकानों के सैम्पल भरे जा चुके हैं। जब उनकी रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के बारे में तो अधिकारी ही उनसे बेहतर बता सकते हैं। हालांकि उन्होंने हंसते हुए यह भी कहा कि उम्मीद है कि सैम्पल फेल नहीं होंगे।

घातक रसायनों का किया जा रहा प्रयोग
मिष्ठान भंडारों के मालिक मिठाइयों की गुणवत्ता की कसौटी पर खरा न उतरकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। लोगों नरेश कुमार, राजेश गुप्ता, नवीन, सम्पत्त सिंह, दिलबाग सिंह व हरजीत कौर आदि लोगों ने बताया कि दुकानदार जलेबी, लड्डू, गुलाब जामुन, रसभरी व बालुशाही आदि मिठाइयों में जरूरत से ज्यादा रंग का प्रयोग कर रहे हैं, ताकि उनकी मिठाइयां ग्राहक को आकर्षक दिखाई दें और उनकी बिक्री ज्यादा हो। मिठाइयों में मीठे की जगह घातक रसायन का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही नकली दूध, पनीर व खोया भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है, परंतु दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

क्या कहना है अधिकारी का
मिठाई की दुकानों पर जाकर सैम्पल लेने वाले एक अधिकारी पवन कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दीवाली के चलते मिठाई की दुकानों पर जाकर सैम्पल लिए जा रहे हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि सैम्पल की रिपोर्ट कब तक आएगी, तो उन्होंने कहा कि सैम्पल लैब में भेजा जाता है और उसकी रिपोर्ट आने में कुछ समय लगता है। रिपोर्ट आने के बाद उसी के अनुरूप कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि मिठाई के साथ डिब्बा तोलना गलत है। इस संबंध में कोई उनके पास शिकायत नहीं आई है। यदि कोई व्यक्ति उनके पास इस संबंध में शिकायत करेगा तो संबंधित मिठाई विक्रेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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