Edited By Isha, Updated: 14 Jan, 2025 02:57 PM
अब 5वीं और 8वीं कक्षा की नियमित परीक्षा में असफल होने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। इस संबंध में बीते दिसंबर माह में केंद्र सरकार ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन कर दिया है
अंबाला: अब 5वीं और 8वीं कक्षा की नियमित परीक्षा में असफल होने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। इस संबंध में बीते दिसंबर माह में केंद्र सरकार ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन कर दिया है, हालांकि उस विद्यार्थी को दो माह बाद पुन: परीक्षा देने का अवसर जरूर मिलेगा। यदि वह उस दौरान भी असफल होता है तो उसे उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा।
विद्यार्थी को रोके रखने के दौरान कक्षा शिक्षक विद्यार्थी के साथ-साथ उसके अभिभावकों का भी मार्गदर्शन करेगा। निर्धारण के विभिन्न चरणों पर अधिगम के अंतरालों की पहचान करने के बाद विशेषज्ञीय इनपुट प्रदान करेगा। यह भी कहा गया है कि विद्यार्थी के समग्र विकास को पाने के लिए परीक्षा और पुन: परीक्षा सक्षमता आधारित परीक्षाएं होंगी, न कि याद करने और प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित होंगी। किसी भी विद्यार्थी को तब तक किसी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा, जब तक वह प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता है।
इस संशोधन से पहले 8वीं कक्षा तक किसी भी विद्यार्थी को असफल होने पर भी उसी कक्षा में नहीं रोका जाता था। बाकायदा उसे अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था। यह सिलसिला कई साल चला। हालांकि इस क्रम के दौरान जब वहीं विद्यार्थी 9वीं कक्षा में पहुंचता था तो वह शैक्षणिक रूप से काफी कमजोर होता था, जिस कारण वह 9वीं कक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर पाता था। ऐसे में स्कूलों में 9वीं कक्षा का ड्राॅप आउट भी बढ़ रहा था। अब केंद्र सरकार के अधिनियम में संशोधन ड्राॅपआउट पर रोक लगाने में कारगर साबित होगा। पहले नियम में ढील होने से विद्यार्थी शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं होते थे। अब नियम में संशोधन होने से पढ़ाई में तेजी आएगी। बच्चे लगन और निष्ठा के साथ पढ़ाई करेंगे। इससे बोर्ड के परिणाम भी सुधरेंगे। इन नियमों को केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने लागू कर दिया है।