Edited By Shivam, Updated: 30 Jul, 2018 08:59 PM
गांव धनौंदा स्थित शहीद महेशपाल की मूर्ति को अराजक तत्वों ने खंडित कर दिया, जिससे क्षेत्र में रोष बढ़ रहा है। शर्मनाक यह है कि जिस समय पूरा देश कारगिल युद्ध के शहीदों को नमन कर रहा था, उसी समय इनकी मूर्ति को खंडित किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर...
नारनौल(भालेन्द्र): गांव धनौंदा स्थित शहीद महेशपाल की मूर्ति को अराजक तत्वों ने खंडित कर दिया, जिससे क्षेत्र में रोष बढ़ रहा है। शर्मनाक यह है कि जिस समय पूरा देश कारगिल युद्ध के शहीदों को नमन कर रहा था, उसी समय इनकी मूर्ति को खंडित किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शहीद महेशपाल की प्रतिमा के टूटे हिस्से को कब्जे में लिया और खंडित प्रतिमा पर पर्दा डाल दिया। प्रतिमा के समीप फर्श पर लगी टाइल भी टूटी मिली है। जिससे लगता है कि मूर्ति पर वार कर उसे तोड़ा गया है। वहीं आज नांगल चौधरी में युवा क्रांति संगठन के युवाओं ने रोष व्यक्त कर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
संगठन के सैकड़ों युवाओं सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने तहलीदार कार्यलय में इकट्ठा होकर सरकार व जिला प्रशासन को सात दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार आरोपियों को जल्द पकड़ कर उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करे वरना संगठन एक बड़ा आंदोलन करेगा, जिसकी जिमेदारी सरकार व जिला प्रशासन की होगी। प्रदर्शन कर रहे संगठन के लोगों ने कहा शहीद किसी समाज या जाति विशेष का नहीं होता बल्कि पूरे देश का होता है। किसी शहीद का अपमान देश का अपमान है, जिसे वो हरगिज सहन नहीं करेंगे।
1989 में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए थे महेशपाल
गांव धनौदा में बिहारी सिंह के घर जन्में शहीद महेशपाल का 7 राजपुताना राईफल्स, डेल्टा कंपनी, प्लाटून 10 में कार्यरत थे। 1988 में उन्हें शांति सेना के माध्यम से श्रीलंका जाने का मौका मिला। वहां पर जाफरा सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ करते हुए 17 जनवरी 1989 को वह शहीद हो गए। शहीद महेशपाल की प्रतिमा का अनावरण 17 जनवरी 2014 को संत कृष्णानंद व रेवाड़ी के तत्कालीन सीटीएम संदीप सिंह के हाथों किया गया था। वहीं स्थानीय विधायक डिप्टी स्पीकर सन्तोष यादव ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया तो पूर्व सीपीएस अनिता यादव ने इस घटना पर सरकार को घेरा।