Edited By Saurabh Pal, Updated: 30 Aug, 2023 07:00 PM
यूं तो भाई रक्षाबंधन पर अपनी बहन से राखी बंधवा कर उपहार देने के साथ उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं। मगर महात्मा गांधी हॉस्पिटल जयपुर में एक बड़ी बहन ने अपने छोटे भाई के लिए जो किया वह अपने आप में एक अनूठी मिसाल है। गांव खजूरी जाटी निवासी 55 वर्षीय...
फतेहाबाद (रमेश भट्ट): यूं तो भाई रक्षाबंधन पर अपनी बहन से राखी बंधवा कर उपहार देने के साथ उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं। मगर महात्मा गांधी हॉस्पिटल जयपुर में एक बड़ी बहन ने अपने छोटे भाई के लिए जो किया वह अपने आप में एक अनूठी मिसाल है। गांव खजूरी जाटी निवासी 55 वर्षीय बेबी नटियाल ने अपने 42 वर्षीय छोटे भाई दीपचंद की जान बचाने के लिए रक्षाबंधन से पहले 8 अगस्त 2023 को महात्मा गांधी हॉस्पिटल जयपुर में अपनी किडनी का उपहार देकर उसे जीवनदान दिया है।
बता दें कि दो साल पहले दीपचंद की छाती में अचानक दर्द हुआ और तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर वहां जांच के बाद पता चला कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। ऐसा सुनना ही तीन मासूम बच्चों के पिता दीपचंद के लिए बहुत मुश्किल भरा रहा। डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस की सलाह दी। यह क्रम लगभग 2 साल तक चलता रहा। परंतु दिनोंदि न दीपचंद की तबीयत खराब हो रही थी, पूरा परिवार परेशान था। उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट जल्दी से जल्दी करने की सलाह दी।
इस मुश्किल घड़ी में बड़ी बहन बेबी नटियाल ने अपनी किडनी दीपचंद को देने की बात कही। ये तब महात्मा गांधी हॉस्पिटल जयपुर में बेबी नटियाल ने अपने छोटे भाई के लिए अपनी एक किडनी दान की, जो विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कठिन प्रयासों से सफलतापूर्वक उसके भाई दीपचंद को प्रत्यारोपित कर दी। दीपचंद की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। वहीं अपने भाई को नया जीवन देकर बेबी नटियाल बेहद प्रसन्न हैं। बेबी नटियाल ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा के संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा ने हमें सिखाया है कि किसी जीव का जीवन बचाने से बड़ा कोई पुण्य नहीं है, बस इन्हीं वचनों से मुझे अपने भाई का जीवन बचाने का हौसला मिला।
दीपचंद ने कहा मुझे अपनी बहन बेबी नटियाल पर गर्व है। उसकी बदोलत ही मुझे नया जीवन मिला है। उन्होंने कहा कि बड़ा दु:ख होता है। जब कुछ लोग बेटियों को कमतर आंकते हैं। मेरी बहन ने यह साबित कर दिया कि बहन बेटियां परिवार के मुश्किल वक्त में मदद के लिए सबसे आगे रहती हैं। रक्षाबंधन पर बहन को जहां मुझे तोहफा देना चाहिए था। परंतु बड़ी बहन ने उसकी जिंदगी में पुन: उजाला कर दिया है। मगर मेरी बड़ी बहन बेबी नटियाल के इस हौंसले और जज्बे को ताउम्र याद रखूंगा।
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