हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से गिरावट, 857 से घटकर 145 रह गई संख्या

Edited By Isha, Updated: 05 Nov, 2025 10:10 AM

sharp decline in stubble burning incidents in haryana

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय क

डेस्क : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय कमी आई है। गत 15 सितंबर से 3 नवंबर के बीच, पंजाब में पराली जलाने की 2,518 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2024 में इसी अवधि के दौरान 4,132 घटनाएं दर्ज की गईं थीं।

इसी तरह हरियाणा में यह संख्या 857 से घटकर 145 रह गई। आयोग ने कहा कि खेतों में आग लगाने की घटनाओं में यह कमी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार के साथ मेल खाती है। राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 291 दर्ज किया गया, जो रविवार के 309 और उससे एक दिन पहले के 366 से कम है, जो 'बहुत खराब' से 'खराब' श्रेणी में बदलाव का संकेत देता है।

 

पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए, उत्तरी राज्यों में प्रवर्तन कार्रवाई तेज कर दी गई है। अधिकारियों ने पंजाब में 2,161 और हरियाणा में 121 खेतों का निरीक्षण किया है और क्रमशः 52.75 लाख रुपये तथा 3 लाख रुपये का पर्यावरणीय मुआवज़ा लगाया है। इसके अतिरिक्त, भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत पंजाब में 946 और हरियाणा में 42 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

 
दिल्ली-एनसीआर में, ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान' (ग्रैप) के तहत प्रदूषण-रोधी उपाय प्रभावी हैं। ग्रैप का पहला चरण 14 अक्टूबर को और उसके बाद दूसरा चरण 19 अक्टूबर को लागू किया गया। आयोग ने कहा, ‘‘वायु प्रदूषण को कम करने के लिए संबंधित एजेंसियों द्वारा एनसीआर में कुल 39 लक्षित कार्रवाई की जा रही हैं।  

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