Edited By Isha, Updated: 20 May, 2025 03:19 PM

विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल कर प्रदेश और जिला स्तर पर कई इनाम जीतने वाला स्कूल अब बंद होने के कगार पर है। हालांकि फिर भी स्कूल का स्टाफ अपने स्तर पर पुरजोर कोशिश कर रहा है, लेकिन फिर भी
बराड़ा (अनिल शर्मा ): विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल कर प्रदेश और जिला स्तर पर कई इनाम जीतने वाला स्कूल अब बंद होने के कगार पर है। हालांकि फिर भी स्कूल का स्टाफ अपने स्तर पर पुरजोर कोशिश कर रहा है, लेकिन फिर भी स्टाफ की कमी के चलते लगातार बच्चे स्कूल से कम होते जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं बराड़ा उपमंडल के गांव झाडूमाजरा स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय की। जहां हैडमास्टर प्रदीप कुमार ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर इस स्कूल को ना केवल जिला स्तर पर चमकाया बल्कि प्रदेश स्तर पर भी स्कूल का नाम रोशन किया।
प्रदीप कुमार ने बताया कि वह वर्ष 2018 में इस स्कूल में आए थे, उस समय यहां झाडियां और झूंड खड़े थे, जिन्हें उन्होंने गांव के सरपंच के साथ मिलकर साफ कराया और चारदीवारी करवाकर गेट लगावाया। इसके बाद लगातार स्कूल में पेड़ पौधे लगाकर हरा भरा और सुंदर बनाया।
इसके अलावा वह हर वर्ष अपने जन्मदिन पर स्कूल प्रांगण में 100 पौधे लगाते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में किचन गार्डन में सब्जियाँ उगाई जा रही है जो बच्चो को मिड डे मिल में परोसी जाती है। स्कूल में केंचूआ खाद तयार करके उससे सब्जियाँ उगाई जाती है।
स्कूल में प्राइमरी विंग में 35 बच्चे हैं जिनपर एकमात्र टीचर कविता हैं जबकि यहां एक अन्य टीचर की जरूरत है। इसके अलावा मिडल में 38 बच्चे पढ़ते हैं। जिन्हें सोशल साइंस टीचर रवि कोंडल, पीटीआई कमलेश और हैडमास्टर प्रदीप कुमार जो अन्य विषयों की पढ़ाई करवाते हैं। जबकि स्कूल में सांइस, मैथ, संस्कृत और ड्राइंग टीचर का पद कई वर्षों से खाली पड़ा है।
यही कारण है कि स्टाफ ना होने के कारण बच्चे कम हो रहे हैं। प्रदीप कुमार ने बताया कि वह ग्रामीणों को हर वर्ष इसी आस पर बच्चे को स्कूल में पढ़ाई के लिए बाध्य करते थे कि जल्द ही यहां टीचर आ जाएंगे, लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बावजूद यहां खाली पदों पर टीचर तैनात नहीं हुए। इसके लिए वह कई बार विभाग से भी मांग कर चुके हैं।