ई-टेंडरिंग के विरोध में धरने पर बैठे सरपंचों ने सरकार को चेताया, कहा - इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 25 Feb, 2023 02:55 PM

sarpanchs sitting on protest against e tendering warned the government

गोहाना ब्लॉक में पिछले दो महीने से धरने पर बैठे सरपंचो ने अब ऐलान किया है कि 1 मार्च को वे हरियाणा विधानसभा का घेराव करेंगे...

गोहाना (सुनील जिंदल) : हरियाणा में सरपंच ई-टेंडरिंग और राइट-टू-रिकॉल के विरोध में धरने पर बैठे हुए हैं। सरपंचो के धरने को दो महीने से भी ज्यादा का समय हो चुका है। गोहाना ब्लॉक में पिछले दो महीने से धरने पर बैठे सरपंचो ने अब ऐलान किया है कि 1 मार्च को वे हरियाणा विधानसभा का घेराव करेंगे। जिस में पूरे हरियाणा से बड़ी संख्या में सरपंच अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ चंडीगढ़ पहुंचगे। सरकार द्वारा ई-टेंडरिंग को वापस नहीं करने के लिए प्रदेशभर के सरपंच काफी रोष में हैं।

बता दें कि हरियाणा सरकार ने सरपंचों को गांव के विकास कार्य के लिए 2 लाख तक का अधिकार दिया है, जिसका सरपंच कड़ा विरोध कर रहे हैं। सरपंचों की मांग है कि सरपंचों के अधीन 30 लाख के विकास कार्य करवाए जाएं। अगर सरकार ने उनकी मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया तो सरकार से सरपंच आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। सरपंच किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटने वाले हैं।

गोहाना में तीनों ब्लॉकों के कार्यालय के बाहर ई-टेंडरिंग और राइट-टू-रिकॉल वापस करने की मांग को लेकर सरपंच धरने पर बैठे हुए हैं। धरने पर बैठे सरपंचों ने कहा कि सरकार सरपंचों के अधिकारों को लेकर हठधर्मिता अपना रही है। सरकार ने पहले 2 साल चुनाव न करवा कर निकाल दिए अब 2 महीने से लगातार सरपंचों को परेशान किया जा रहा है। अपनी मांगों को लेकर 2 महीने से भी ज्यादा समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मगर इस सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। हमारी यही मांग है कि सरकार के द्वारा सरपंचों के अधिकार वापस होने दिए जाएं। दो लाख की जो शर्त रखी गई है वह सरासर गलत है। अगर कोई सरपंच भ्रष्टाचार करता है तो उसके खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए। मगर सभी सरपंचों को भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगाना गलत है, जिसका हम विरोध करते हैं। ई-टेंडरिंग से अफसरशाही भ्रष्टाचार ज्यादा करेगी। सरकार से मांग है कि ई-टेंडरिंग को वापस लिया जाए और सरपंचों को ₹300000 तक का गांव के विकास कार्य में अधिकार दिया जाए। दो लाख में सरपंच क्या विकास कार्य करवाएगा। 1 मार्च को प्रदेशभर के सभी सरपंच ट्रैक्टर-ट्राली से विधानसभा का घेराव करने जाएंगे। अगर सरकार नहीं जागी तो हमारी जो कार्यकारिणी है उसके द्वारा आगे की रणनीति तय कर आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। सरपंच एसोसिएशन सरकार के ई-टेंडरिंग के फैसले को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में है। सरपंच किसी भी सूरत में पीछे हटने वाले नहीं है और इसका खामियाजा सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

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