एस.वाई.एल. पर राव इंद्रजीत ने कांग्रेस व इनैलो को घेरा

Edited By Naveen Dalal, Updated: 15 Jul, 2019 09:20 AM

s y l rao inderjit passes over to congress and inld

सतलुज-यमुना लिंक नहर यानि एस.वाई.एल. के मामले में भाजपा के मंत्री व गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत ने कांग्रेस व इंडियन नैशनल लोकदल को घेरते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आने पर कांग्रेस, इनैलो सहित अन्य राजनीतिक दलों को एस.वाई.एल. की याद आने लगती है। राव...

फरीदाबाद (महावीर ): सतलुज-यमुना लिंक नहर यानि एस.वाई.एल. के मामले में भाजपा के मंत्री व गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत ने कांग्रेस व इंडियन नैशनल लोकदल को घेरते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आने पर कांग्रेस, इनैलो सहित अन्य राजनीतिक दलों को एस.वाई.एल. की याद आने लगती है। राव इंद्रजीत ने कहा कि जबकि सफाई यह है कि इनेलो व कांग्रेस की जब 15 साल सरकारें रहीं तो उस दौरान दोनों में से किसी दल ने एसवाईएल मसले का हल नहीं निकाला। जब हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो उस दौरान भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को उठाया और सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया गया और पंजाब की आपत्तियों को खारिज कर दिया गया। 

राव इंद्रजीत फरीदाबाद के बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आयोजित भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान मीडिया से रूबरू हो रहे थे। इस दौरान उनके साथ विधायक मूलचंद शर्मा भी मौजूद रहे। दरअसल, पिछले साल हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह सतलुज यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर पर पंजाब के साथ जारी मतभेद के मामले की जल्दी सुनवाई करे। इस मामले का उल्लेख चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की बैंच के समक्ष किया गया। पिछले साल 11 जुलाई को कोर्ट ने कहा था कि एस.वाई.एल. पर उसके फैसले का सम्मान करना और उसे लागू करना पंजाब और हरियाणा के लिए अनिवार्य है। इस मुद्दे पर पंजाब हमेशा से विरोधी रुख अपनाता रहा है। वहां जितनी भी सरकारें आईं, सबने दूसरे प्रदेशों को एक बूंद भी पानी न देने की बात कही जबकि सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर तल्ख टिप्पणी कर चुका है।

राव इंद्रजीत ने कहा कि एस.वाई.एल. का मुद्दा अन्य राजनीतिक दल चुनावों के समय ही उठाते हैं जबकि भाजपा ने पहले कार्यकाल के दौरान ही सत्ता में आने पर इस मसले को सुलझाने के लिए प्रयास किया तथा अब गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं। सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय लेगा, वह सभी को स्वीकार्य होगा। दरअसल, हाल ही में सतलुज यमुना लिंक नहर यानी एस.वाई.एल. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नहर के निर्माण को लेकर पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को बैठक करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीनों पक्ष एक बार कोर्ट के आदेश को लागू करने को लेकर बैठक करें और यदि इस बैठक से कोई नतीजा नहीं निकलता है तो सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश लागू करवाएगा। 

इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 सितम्बर को की जाएगी।  वहीं यदि पंजाब की बात करें तो पंजाब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल को तैयार नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले के वक्त काफी विरोध किया था। उस वक्त के चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार से बैठक आयोजित करने को कहा था लेकिन अब तक कोई बैठक नहीं हो पाई है। ऐसे में पुन:  सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी के साथ केंद्र सरकार को हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ बैठकर फैसला लागू करने को कहा है, वरना कोर्ट अपने मुताबिक इसे लागू कराएगा। 

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