Edited By Manisha rana, Updated: 14 Sep, 2023 01:38 PM

शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में मिड-डे-मील में गेहूं की जगह आटा की सप्लाई शुरू करवा दी है। लेकिन आटे की सप्लाई पहले चरण में ही विवादों में आ गई। आटे को लेकर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फतेहाबाद व भट्टूकलां खंड...
फतेहाबाद (रमेश भट्ट) : शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में मिड-डे-मील में गेहूं की जगह आटा की सप्लाई शुरू करवा दी है। लेकिन आटे की सप्लाई पहले चरण में ही विवादों में आ गई। आटे को लेकर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फतेहाबाद व भट्टूकलां खंड में मिड-डे-मील के लिए भेजे गए आटे में काफी खामियां पाई गई हैं।

बताया जा रहा है कि स्कूलों को भेजे गए आटे में लोहे के जंग लगे टुकड़े व कीड़े मिले हैं। ये ही नहीं आटे का रंग भी पीला है। शिकायतें आने के बाद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने सभी बीईओ को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है। मौलिक शिक्षा अधिकारी वेद दहिया ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कीमत पर खराब आटा स्कूलों में सप्लाई नहीं होने दिया जाएगा। स्कूलों में जो आटा सप्लाई हो रहा है, वह बरवाला से हो रहा है। बैग पर बरवाला की उत्पादक कंपनी का नाम लिखा है। बैग पर फोटिफाइड आटा नाम दिया गया है। ये ही नहीं प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना नाम दिया गया है। हैफेड के मार्फत यह आटा स्कूलों में पहुंचता है।
गौरतलब है कि मिड-डे-मील के लिए स्कूलों में पहले गेहूं की सप्लाई हो रही थी, लेकिन पिछले माह शिक्षा विभाग ने स्कूलों से एक-एक माह के आटा की सप्लाई की डिमांड मांगी थी। स्कूलों ने डिमांड दी थी। इसके बाद अब सप्लाई शुरू की गई है।
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