Edited By Mohammad Kumail, Updated: 06 Jul, 2023 09:25 PM

सीईटी पास चार गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने को लेकर छिड़े विवाद पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि सीईटी में किसी प्रकार के नियमों में बदलाव नहीं किया जाएगा...
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : सीईटी पास चार गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने को लेकर छिड़े विवाद पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि सीईटी में किसी प्रकार के नियमों में बदलाव नहीं किया जाएगा। पहले से तय नियमों के अनुसार एक पोस्ट के विपरीत चार अभ्यर्थियों को ही बुलाया जाएगा। गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार दूसरी पूर्व सरकारों की तरह नौकरियां नहीं बांटती है, क्योंकि हमारे समय में योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जाती हैं और युवा अपनी मेहनत व योग्यता से नौकरी लेकर जाते हैं।
उन्होंने सीईटी की मुख्य परीक्षा के लिए चार गुणा उम्मीदवारों को बुलाने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अब इस समय भर्ती से संबंधित नियम और शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को आवेदन करने के समय भर्ती के 4 गुणा उम्मीदवारों को बुलाए जाने से संबंधित नियम व शर्तों के बारे में पता था। लेकिन अब कुछ लोग अभ्यर्थियों को उकसा रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्ट ने भी कहा है कि किसी भी परीक्षा के विज्ञापन से पहले तय किए गए किसी भी नियम और शर्तों को बाद में किसी भी स्तर पर नहीं बदला जा सकता। नए विज्ञापन जब निकालेंगे तब किसी भी संशोधन पर विचार किया जाएगा।
दिव्यांगों को प्रमाण पत्र जारी करने में देरी होने के संबंध में एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी डेटा के अनुसार राज्य में 2.70 लाख दिव्यांग हैं, जिनमें से 26 प्रतिशत यानी लगभग 73 हजार 197 के प्रमाण पत्र लंबित हैं। ऐसे लोगों को राहत देते हुए सरकार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यूडीआईडी कार्ड जल्द बनाए जाएं। इसके अलावा दो सप्ताह से लेकर अधिकतम 8 सप्ताह तक का समय दिया गया है। इस अवधि में इन सभी को प्रमाण पत्र मिल जाएंगे।
उन्होंने कहा कि दयालु योजना में अब तक 227 लाभार्थियों को सहायता राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा, 600 व्यक्तियों का डाटा और उपलब्ध है, जिसे सत्यापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना में विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार एक लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान रखा गया है।
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