Edited By Yakeen Kumar, Updated: 25 Jan, 2025 07:18 PM
हरियाणा रोडवेज द्वारा 26 जनवरी को 5 जिलों में इलेक्ट्रिक बस चलाए जाने पर रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध जताया है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार परिवहन विभाग का निजीकरण करना चाहती है।
रोहतक (दीपक भारद्वाज) : हरियाणा रोडवेज द्वारा 26 जनवरी को 5 जिलों में इलेक्ट्रिक बस चलाए जाने पर रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध जताया है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार परिवहन विभाग का निजीकरण करना चाहती है। जिसका विरोध शनिवार को सांझा मोर्चा की अध्यक्षता में रोहतक बस स्टैंड पर मीटिंग कर विरोध जताया है।
सांझा मोर्चा के सदस्य सुमेर सिवाच ने बताया कि सरकार जनता को 5 जिलों में इलेक्ट्रिकल बस चलाकर परिवहन विभाग का निजीकरण करना चाहती है क्योंकि इन बसों से जनता और सरकार को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इन बसों को 62 रुपए 37 पैसे पर किलोमीटर के हिसाब से चलाया जा रहा है जो काफी महंगी है। इन बसों में परिचालक रोडवेज विभाग का होगा और चालक कंपनी का होगा। पैसा भी प्राइवेट बैंक के जॉइंट खाते में जमा होगा जो गलत बात है।
सरकार विभाग को करना चाहती है खत्म
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि इस विभाग को खत्म करना चाहती है। जिससे जनता को सीधा नुकसान होने वाला है। क्योंकि सरकारी बसों में छात्र, महिलाएं, बुजुर्ग व स्टाफ का कोई पैसा नहीं लगता, लेकिन इन बसों में कोई स्टाफ व पास मान्य नहीं होगा। इससे पहले भी सरकार ऐसी योजना लेकर आई थी लेकिन कर्मचारियों ने उसका विरोध किया था। अब फिर इन बसों को लाकर सरकार विभाग को खत्म करने पर तुली हुई है, जिसको कर्मचारी किसी सूरत में बर्दाश्त नही करेंगें। आज सांझा मोर्चा की मीटिंग हुई है, अगर सरकार इस योजना को वापस नहीं लेती है तो कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
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