सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग पर विरासत स्थलों के जीर्णोद्धार को स्वीकृति मिली

Edited By Shivam, Updated: 02 Jan, 2019 07:20 PM

restoration of heritage sites on flow route of saraswati river got approval

हरियाणा में प्राचीन सरस्वती नदी का पुनरुत्थान करने और इसमें ताजे पानी के नियमित प्रवाह को सुनिश्चित करने के हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड ने  बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग पर स्थित...

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में प्राचीन सरस्वती नदी का पुनरुत्थान करने और इसमें ताजे पानी के नियमित प्रवाह को सुनिश्चित करने के हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड ने  बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग पर स्थित विभिन्न विरासत स्थलों के जीर्णोद्घार सहित 11 प्रमुख परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड की चौथी बैठक की अध्यक्षता की।  इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी  में ताजे पानी का प्रवाह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्प भी लॉन्च किया। सरस्वती नदी के अस्तित्व के वैज्ञानिक प्रमाणों और अन्य प्रासंगिक अध्ययनों सहित सरस्वती नदी से जुड़ी अन्य जानकारी इस एप्प पर उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के प्रतीक चिह्न को भी स्वीकृति प्रदान की।

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बैठक में राज्य में सरस्वती नदी के कायाकल्प और विकास के लिए जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, उनमें सोम्ब सरस्वती बैराज और सरस्वती जलाशय का निर्माण, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के जिला यमुनानगर में आदि बद्री में आदि बद्री बांध का निर्माण और अन्य विकास कार्य, सरस्वती जलाशय से घग्गर नदी में इसके बहिर्गमन तक सरस्वती नदी का कायाकल्प, केंथला आपूर्ति चैनल के माध्यम से मारकण्डा नदी और सरस्वती नदी को जोडऩा, सरस्वती नदी में गिरने वाले समस्त अपशिष्ट जल की रिसाइकलिंग के लिए अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों का निर्माण करना, सरस्वती नगर में सरस्वती तीरथ पर आरसीसी डिवाइड वॉल का निर्माण करना,  जिला कुरुक्षेत्र में गांव भैणी एवं मगना में सरस्वती घाट का निर्माण, लोगों की सुविधा के लिए जिला कुरुक्षेत्र में गांव ईशरगढ़ और प्रतापगढ़ के निकट बीड़ पिपली में सरस्वती नदी पर पुलों का निर्माण, सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग के साथ विरासत स्थलों के जीर्णोद्घार का कार्य और मंदिरों एवं घाटों का निर्माण या विकास और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में स्थापित सरस्वती नदी अनुसंधान उत्कृष्टïता केन्द्र के साथ सरस्वती नदी विरासत अनुसंधान संस्थान को जोडऩा शामिल है।

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