किसानों में आक्रोश, अब वृक्षों पर चलेगा धरना

Edited By Isha, Updated: 24 Aug, 2019 02:11 PM

resentment among farmers now picket will run on trees

खंड के गाव बेहरवाला के पास टेल पर पानी पहुंचाने की मांग कर रहे परेशान किसान आज वृक्षों पर चढ़कर, इस उम्मीद के साथ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं कि चंडीगढ़ बैठी सरकार को शायद किसानों की पीड़ा

ऐलनाबाद (विक्टर): खंड के गाव बेहरवाला के पास टेल पर पानी पहुंचाने की मांग कर रहे परेशान किसान आज वृक्षों पर चढ़कर, इस उम्मीद के साथ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं कि चंडीगढ़ बैठी सरकार को शायद किसानों की पीड़ा नजर आ जाए क्योंकि पिछले 10 दिनों में तो प्रशासन व सरकार को कुछ भी दिखाई नहीं दिया है ओर न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी व सत्ता पक्ष का नेता धरने पर किसानों की सुध लेने पहुंचा है। किसानों का कहना है कि पिछले 10 दिनों से कई गांवों के किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं मगर प्रशासन व सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है।

अब किसानों को कहना है कि वे तब तक वृक्षों से नहीं उतरेंगे, जब तक उन्हें टेल पानी नहीं मिल जाता और नहर में पीछे लगी अवैध मोगियां बंद नहीं हो जाती। किसानों ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि पिछले धरने में स्वयं जिला उपायुक्त ने आकर कहा था कि वे उनकी मांगों का समाधान 7 दिन में कर देंगे। उस समय किसानों ने अपना धरना उपायुक्त के आश्वासन पर 14 दिन उठा लिया था मगर आज करीब 26 दिन बीत चुके हैं मगर नहर में पीछे पानी पहले की तरह ही चोरी हो रहा है ओर टेल पर पानी पहुंच नहीं रहा है जिससे किसानों की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

सरकार की धान न बोने की सलाह, प्रशासन धान के लिए चोरी करवा रहा है : ढाका 
धरने पर बैठे किसान दौलत राम ढाका का कहना है कि एक तरफ सरकार किसानों को धान न बोने कीं सलाह देती है ताकि पानी कीं बचत हो सके लेकिन दूसरी तरफ  प्रशासन धान वाली फसलों को अवैध मोगियों के जरिए पानी दे रहा है। टेल पर पानी नहीं पहुंचने से किसानों की नरमे व ग्वार कीं फसल खराब हो रही हैं। जब की सिंचाई विभाग धान की फसल को बचाने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्हें टेल पर पडऩे वाले किसानों की फसलों की भी ङ्क्षचता करनी चाहिए मगर भ्रष्टाचार के चलते ऐसा हो नहीं पा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नहर में लगीं अवैध मोगियों को जल्द से जल्द उखाडऩा चाहिए।

सिर्फ नहर का सहारा क्योंकि ट्यूबवैल का पानी है खारा : साई
धरने का नेतृत्व कर रहे किसान नेता भीमसैन साईका कहना है कि टेल पर पडऩे वाले किसानों के लिए नहर का पानी ही सहारा है क्योंकि इस क्षेत्र में ट्यूबवैल का पानी खारा है। भीम सैन साई ने कहा कि हम तब तक पेड़ों से नहीं उतरेंगे, जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं हो जाता है। उन्होंने कहा कि धरने पर 24 अगस्त को सभी किसान मुख्यमंत्री का पुतला फूंकेंगे ओर ऐलनाबाद में होते हुए रोष मार्च निकालेंगे व उपमंडल अधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे।

इस धरने पर गांव बेरवाला खुर्द, धोलपालिया, नीमला, काशी का बास, ढाणी शेरां वाली के किसान बैठे हुए हैं। इस मौके पर भीमसैन साईं, रणजीत ढाका, महाबीर गोदारा, रोहतास ढाका, सुरजीत कुट, हनुमान सिहमार, सीता राम घोडेला, धर्मबीर भाकर, दलीप भाकर, रोहतास मेहला, पवन सहारण, विजय सहारण, हरिसिंह भाकर, मनोज मील, सुरेन्द्र खयालिया, सुरेन्द्र सहारण, पवन रोड़, बाल कृष्ण जाखड़, सदीप सहारण, अशोक ख्यालिया, साहबराम बेरवाला के अलावा अन्य किसान भी मौजूद थे।

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