Edited By Isha, Updated: 01 Dec, 2023 05:24 PM

गांव राठीवास में जन्में प्रो. रामबिलास शर्मा। प्रदेश ही नहीं देशभर की राजनीति में पुराना चेहरा है जो किसी परिचय के मौहताज नहीं। जब पहली बार राजनीति में कदम रखा और साल 1982 में विधायक बने,
महेंद्रगढ़: गांव राठीवास में जन्में प्रो. रामबिलास शर्मा। प्रदेश ही नहीं देशभर की राजनीति में पुराना चेहरा है जो किसी परिचय के मौहताज नहीं। जब पहली बार राजनीति में कदम रखा और साल 1982 में विधायक बने, उस दौर से भी पहले से गौवंश के प्रति प्रेम-भाव व सेवा करने की ललक आज भी उनके अंदर कायम है।
गौवंश की सेवा की सिलसिला अभी तक निरंतर
पांच बार विधायक बनकर तीन बार मंत्री रहने वाले प्रो. रामबिलास शर्मा की ही मेहनत का परिणाम था, जब भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष रहते हरियाणा में पूर्णतय बहुमत से सरकार भाजपा की बनी। राजनीति के उतार-चढ़ाव के दौर में उनकी दिन की शुरूआत गौवंश की सेवा करने से ही शुरू आती है, यह सिलसिला अभी तक निरंतर जारी है।
दर्जनों से अधिक गायों को रखकर उनकी सेवा की
अब इसे वक्त-वक्त की बात कहे। एक तरफ प्रदेश भाजपा की पंचकूला में आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए मीटिंग चल रही थी, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी सहित सरकार के सभी मंत्री, पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री शामिल थे, वहीं दूसरी तरफ 2014 में भाजपा को सत्ता में लेने वाले पार्टी के वट वृक्ष पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा अपने फार्म हाउस पर गायों की सेवा करने में लगे हुए दिखे। पूर्व मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा गायों के बहुत बड़े सेवक कहे जाते है। वे जब-जब मंत्री रहे, उन्होंने अपने चंडीगढ़ कोठी पर भी दर्जनों से अधिक गायों को रखकर उनकी सेवा की।
लगभग एक घंटा गायों में बिताने के बाद वह लोगों की अपने आवास पर समस्या सुनते
उन्होंने अपने मंत्री काल में करोड़ों की राशि गौशाला में दान के लिए दी। इस समय भी अपने सतनाली फार्म हाउस पर लगभग दो दर्जन से अधिक गाय है। वह नियमित तौर पर सुबह उठकर फार्म हाउस में बने मंदिर में माथा टेक गायों की सेवा में निकल जाते हैं। लगभग एक घंटा अपनी दिनचर्या का समय सुबह गायों में बिताने के बाद वह लोगों की अपने आवास पर समस्या सुनते हैं। उसके बाद उनका समाधान करने के बाद सरकारी दफ्तरों या चंडीगढ़ निकल जाते हैं।
रामबिलास शर्मा का राजिनितक सफर
आपको बताते चले कि पहली बार महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्रा से प्रो. रामबिलास शर्मा साल 1982 में विधायक बने। फिर साल 1987 में फिर विधायक बन मंत्री बने। उन्हें जनस्वास्थ्य का महकमा मिला। साल 1991 में तीसरी बार फिर विधायक बने। उसी साल भाजपा पार्टी आलाकमान ने उन्हें हरियाणा के पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी। चौथी बार फिर 1996 में विधायक चुने गए और शिक्षा मंत्री का औहदा मिला। इसके बाद राजनीति हालत विपरित हुए। लंबे अंतराल के बीच उन्हें साल 2013 में फिर से भाजपा हरियाणा अध्यक्ष बनाया गया। रात-दिन जी-तोड़ मेहनत की और हरियाणा गठन के बाद पहली बार भाजपा पार्टी को पुणतय बहुमत का आंकड़ा पार किया।
जब चुनाव थे तो लोगों को आस थी कि जीत के बाद प्रो. रामबिलास शर्मा को ही मुख्यमंत्री बनाएंगे। लेकिन उलटा हुआ। खैर, वह पार्टी आलाकमान का फैसला था। बावजूद इसके प्रो. रामबिलास शर्मा पार्टी में पूरी तरह आस्था रखते हुए दिन-रात भाजपा को आगे बढ़ाने में जुटे रहते है। उसके पीछे उनकी सकारात्मक सोच और धार्मिक आस्था भी केंद्र बिंदु रही है। चाहे राठीवास में भूरास्था मंदिर हो, कालका के बाढ़ गोदाम में मंदिर हो या फिर सतनाली फार्म हाउस में मंदिर हो। सुबह उठकर मंदिर में माथा टेकर गौवंश की सेवा करने का कई दशकों से चला आ रहा सिलसिला उनका अभी तक निरंतर जारी है।