देश का हर नागरिक किसानों के साथ खड़े होकर करे समर्थन: राजन राव

Edited By vinod kumar, Updated: 04 Dec, 2020 10:57 PM

rajan said every citizen of the country should stand with the farmers

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष कुमारी शैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने कहा कि कृषि विरोधी काले कानूनों को लेकर आज पूरे हरियाणा प्रदेश के किसान भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए...

गुरुग्राम (गौरव): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष कुमारी शैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने कहा कि कृषि विरोधी काले कानूनों को लेकर आज पूरे हरियाणा प्रदेश के किसान भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस निर्णायक लड़ाई में आमजन भी धरातल पर उतरकर किसानों का साथ दें। जिससे केंद्र की भाजपा सरकार पर इन कृषि विरोधी काले कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बार बार मन की बात करते हैं। 

किसानों के लिए प्रधानमन्त्री अपनी अंतरात्मा की आवाज भी सुने और इन काले कानूनों को तत्काल रद्द करने का निर्णय लें। किसानों के साथ सरकार चार दौर की वार्ता कर चुकी है, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का विरोध देखकर काले कानूनों की हकीकत समझ रही है। यही कारण है कि सरकार पर कुछ दबाब पड़ा है, लेकिन पूंजीपतियों के दबाव के चलते सरकार इन कानूनों को रद्द करने का निर्णय नहीं कर पा रही है। 

उन्होंने कहा कि ये कानून किस तरह किसानों को बर्बाद कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाएं, ये बड़ी ही बारीकी से समझा जा सकता है। सरकार की ओर से लाए गए तीनों कानूनों में बड़ी खामियां हैं। पहला, आवश्यक वस्तु अधिनियम (भंडारण - नियमन संशोधन कानून) इससे सीधे सीधे पूंजीपतियों को फायदा होगा। पहले आवश्यक वस्तुओं के भंडारण का नियम नहीं था। भाजपा की केंद्र सरकार ने इसे कानून बना दिया। अब आवश्यक वस्तुओं का भंडारण किया जा सकेगा। हालांकि सरकार कह रही है कि किसानों को भी छूट होगी, लेकिन किसानों के पास रहने को मकान तक नहीं है तो वह फसल (आवश्यक वस्तुओं) का भंडारण कहां करेगा? इससे सीधे पूंजीपतियों को लाभ होगा। इससे एक तरह से पूंजीपतियों को काला बाजारी करने की खुली छूट प्रदान की गई है। 

पूंजीपति भंडारण कर मोटा मुनाफा कमाएंगे जिससे किसानों के साथ आप उपभोक्ता पर महंगाई का भार बढ़ेगा। दूसरा, मूल्य आश्वासन पर बंदोबस्त और सुरक्षा समझौता। इस कानून से सरकार के भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। एमएसपी को सबसे अधिक खतरा इसी कानून से है। क्योंकि पूंजीपति किसानों से फसल बुवाई से पहले ही करार करेगा कि वह फसल को फलां दाम में खरीदेगा। उसके बाद अगर फसल का खुली मार्केट में दाम अधिक होगा तो किसान उसी दाम में फसल बेचने को मजबूर होगा। 

कंपनियां अगर करार तोड़ती है तो उनके खिलाफ कड़े और बड़े कानूनी प्रावधान नहीं किए गए हैं। सरकार तय करे की कंपनियां एमएसपी से कम रेट का करार किसी कीमत पर नहीं कर सकती। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से सरकार पिछले गेट से निकल जाएगी, ताकि एमएसपी ना देना पड़े। क्योंकि जो भी करार होगा वो फसल की बिजाई से पहले होगा। इस दौरान सरकार जो रेट तय करती है वो एमएसपी है और कंपनियां जो रेट तय करेंगी वो करार होगा। तीसरा, किसान अपनी फसल को कहीं भी मनमाने दाम पर बेच सकता है। 

यह प्रावधान तो पहले से ही है, इसमें सरकार ने नया क्या किया है? अब बात आती है एमएसपी की। एमएसपी कृषि लागत एवम् मूल्य आयोग (सीएसीपी) तय करता है जो एफसीआई के अधीन आता है। अब इसमें झोल यह है कि एमएसपी पर फसल की खरीद फसीआई करती है। अकसर एफसीआइ कुछ प्रतिशत फसल खरीद के बाद भंडारण आदि का बहाना बनाकर फसल खरीदने से मना कर देती है। 

मजबूरी में किसान आढ़ती को कम दाम में फसल बेचता है तो एफसीई के अधिकारी आढ़तियों से कुछ दाम बढ़ाकर फसल खरीद का कोटा पूरा कर देते हैं और सरकार को भ्रम में रखते हैं की उन्होंने किसानों से एमएसपी पर फसल खरीदी है। इसमें बड़े स्तर पर गोलमाल होता है, हो रहा है और होता रहेगा। राव ने कहा इसलिए सरकार को एमएसपी की गारंटी को कानून में शामिल करना चहिए। ताकि किसानों को उनका हक दिया जा सके। उन्होंने कहा कि देश का 6त्न किसान ही एमएसपी पर अपनी फसल बेच पाता है, 94 प्रतिशत किसान तो पहले ही अपनी फसल को बाहर बेचने को मजबूर हैं।

किसान अपने हक हकूक की बात कर रहा है तो उसे देशद्रोही, विद्रोही, खालिस्तानी समर्थक का तमगा दिया जा रहा है। सरकार इन कानूनों को रद्द करे, इससे कम अन्नदाता को कुछ मंजूर नहीं। राव ने कहा कि आज केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार सत्ता के अहंकार में पूरी तरह से डूबी हुई है। भाजपा सरकार दिन रात सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों के बारे में सोचती है। देश के किसानों के साथ जब हरियाणा प्रदेश के किसान इस सरकार का षड्यंत्र पहचान चुके हैं और अपना हक मांग रहे हैं तो उन पर दमनकारी नीतियां अपनाकर अत्याचार किया जा रहा है। 

भाजपा द्वारा किसानों पर अभद्र टिप्पणियां कर उनका अपमान किया जा रहा है। आज पूरा हरियाणा प्रदेश भाजपा सरकार के खिलाफ किसानों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि   जिस तरह से आज अन्नदाता इस भाजपा सरकार के तमाम अत्याचारों को सहते हुए भीषण ठंड में खुली सडक़ों पर आंदोलन कर रहा है, उसने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है। आज किसानों को न्याय दिलाना ही हमारा परम कर्तव्य है। कांग्रेस पार्टी किसानों के संघर्ष की इस लड़ाई में उनके साथ मजबूती से खड़ी हुई है।

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