Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 03 Jan, 2025 06:01 PM
लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए नगर निगम में लगाए जा रहे समाधान शिविर महज खानापूर्ति बन गए हैं। इन शिविरों में समस्याएं तो अपार हैं, लेकिन समाधान शून्य है। लोगों का आरोप है कि वह समस्याओं के समाधान के लिए इस शिविर में तो जाते हैं, लेकिन...
गुड़गांव, (ब्यूरो): लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए नगर निगम में लगाए जा रहे समाधान शिविर महज खानापूर्ति बन गए हैं। इन शिविरों में समस्याएं तो अपार हैं, लेकिन समाधान शून्य है। लोगों का आरोप है कि वह समस्याओं के समाधान के लिए इस शिविर में तो जाते हैं, लेकिन समाधान तो नहीं बल्कि समाधान की एक नई तारीख जरूर लेकर आ जाते हैं। यही कारण है कि जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र में मामूली करेक्शन किए जाने की समस्या भी अब समाधान शिविर में पहुंचने लगी है जिसने नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है।
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उधर, शहर में बाहें फैलाए खड़ी सीवर की समस्या का भी निगम अधिकारी व कर्मचारी समाधान करने में मानों विफल हो रहे हैं। हालात यह तक हो गए हैं कि अधिकारियों ने सीवर समस्या के आगे घुटने ही टेक दिए हों। यही कारण है कि सीवर समस्या का अस्थाई तौर पर समाधान किया जा रहा है। अधिकारी भविष्य की प्लानिंग करने की बजाय वर्तमान के हालातों पर ही डीपीआर पर डीपीआर तैयार कर खानापूर्ति करने में जुटे हैं। भविष्य की संभावनाओं को लेकर पूछे गए सवाल पर अधिकारी लीपापोती भी करते नजर आए।
वहीं, शिकायतों के समाधान के नाम पर लोगों ने नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों का कहना है कि अधिकारी शिकायत का समाधान करने की बजाय उन लोगों से सांठगांठ कर शिकायत को बंद कर रही हैं जिनके खिलाफ शिकायत दी गई हो। यह मामला संज्ञान में आने के बाद भी नगर निगम कमिश्नर इस बाबत जानकारी न होने की बात कहकर बचने का प्रयास करते नजर आए।
वहीं, शिकायतकर्ताओं की मानें तो उनके क्षेत्र की सीवर की समस्याओं का समाधान करने में नगर निगम विफल रहा है। कई बार शिकायत देने के बाद भी उन्हें केवल आश्वासन मिल रहा है। न्यू पालम विहार क्षेत्र में लोग अब प्रदर्शन करने को भी तैयार हो रहे हैं। वहीं, प्रॉपर्टी आईडी की समस्या भी आज तक जस की तस खड़ी है। हालांकि उनके सामने नगर निगम कमिश्नर ने संबंधित अधिकारी को फटकार लगाते हुए नोटिस देने की भी बात कही है, लेकिन अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं है।
वहीं, शहर में हो रहे अतिक्रमण की शिकायत पर भी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। एक महीने पहले से लगाई गई शिकायतों के समाधान के लिए 10 दिन का समय दिया गया था, लेकिन आज तक अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। संबंधित अधिकारी समाधान शिविर में निगम कमिश्नर के समक्ष कार्रवाई न करने का जवाब देने की बजाय बहानेबाजी करते नजर आए। वहीं अवैध निर्माण पर भी आठ महीने में नगर निगम अधिकारी व कर्मचारी कोई कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। ऐसे में लोगों का अब समाधान शिविर से विश्वास उठता जा रहा है।
लोगों की मानें तो जिस तरह से समाधान शिविर में लोग अपनी समस्याएं लेकर आ रहे हैं उससे साफ होता जा रहा है कि यह शिविर केवल खानापूर्ति के लिए चलाया जा रहा है। शिविर में प्रॉपर्टी टैक्स में नाम ठीक कराने और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र में नाम ठीक कराने तक ही सीमित रह गया है। अधिकारी आंकड़ों के खेल में मुख्यमंत्री को उलझा कर जनता को परेशान करने में जुटे हुए हैं। देखना यह होगा कि आखिर समाधान शिविर में जनता की शिकायतें कब तक शून्य होती हैं।