Edited By Gourav Chouhan, Updated: 18 Aug, 2022 07:00 PM

पंजाब के श्री मुक्तसर की मंडी किलियांवाली स्थित शिव पैथोलॉजी लैब के शिव भगवान और डॉ गुरप्रीत कौर के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
सिरसा: कोरोना-19 की गलत रिपोर्ट बनाने के चलते सिरसा के रहने वाले एक परिवार के सभी सदस्य संक्रमित हो गए थे। यही नहीं संक्रमण के चलते परिवार के दो बुजुर्गों की मौत भी हो गई थी। इस मामले में अब पंजाब के श्री मुक्तसर की मंडी किलियांवाली स्थित शिव पैथोलॉजी लैब के शिव भगवान और डॉ गुरप्रीत कौर के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज कर ली गई है। यह कार्रवाई सरकार द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट में लैब पर आरोप साबित होने के बाद की गई है।
21 अप्रैल 2021 का है मामला
दरअसल जिले की मंडी डबवाली के रहने वाले दीपक गर्ग ने पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि उन्होंने 21 अप्रैल 2021 को अपनी भाभी का कोरोना टेस्ट करवाया था। सिविल अस्पताल में भाभी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। लेकिन जब शिव पैथोलॉजी लैब में उनकी कोरोना जांच करवाई गई तो वहां डॉक्टरों ने उनकी नेगेटिव रिपोर्ट दी। इसके कारण कोरोना का संक्रमण पूरे परिवार में फैल गया। परिवार के सभी सदस्यों का इलाज चला, लेकिन दीपक के माता-पिता की मौत हो गई। हालांकि उनके माता-पिता पहले स्वस्थ जीवन जी रहे थे। इसलिए उनके माता-पिता की मौत के जिम्मेदार शिव पैथोलॉजी लैब में फर्जी कोरोना रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर हैं।
सरकार द्वारा गठित डॉक्टरों के पैनल ने लैब को पाया आरोपी
दीपक गर्ग ने बताया कि उन्होंने शिव पैथोलोजी लैब द्वारा दी गई फर्जी रिपोर्ट की कॉपी हरियाणा के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी भेजी थी। उनकी इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने डबवाली सिविल अस्पताल के चार वरिष्ठ डॉक्टरों का एक पैनल बनाकर मामले की जांच करवाई थी। दीपक की शिकायत को जांचने के बाद टीम ने उनके आरोप को सही पाया। इसके बाद मामले की जांच के लिए पंजाब में भी डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया। यहां भी पैथोलॉजी लैब पर लगे आरोप सही पाए गए। इसलिए इस मामले में डबवाली पुलिस ने लैब के शिव भगवान और डॉ गुरप्रीत कौर के खिलाफ 269 व 304 ए के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
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