प्रवीण अत्रे को मिली नई जिम्मेदारी, सीएम का मीडिया प्रबंधन संभालेंगे

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 23 Aug, 2024 05:42 PM

praveen atre got new responsibility

हरियाणा में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव के पद से इस्तीफा देने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रवीण अत्रे ने एक बार फिर से कांग्रेस पर जुबानी हमला बोला है।

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव के पद से इस्तीफा देने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रवीण अत्रे ने एक बार फिर से कांग्रेस पर जुबानी हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं के एक मंच पर इकट्ठा होने की चर्चाओं के अलावा अत्रे ने कांग्रेस का अतीत याद दिलाने का भी काम किया। साथ ही उन्होंने बताया कि किन हालातों में उन्हें मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव के पद से इस्तीफा देना पड़ा ?

जरूरी था इस्तीफा देना

बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रवीण अत्रे ने बताया कि 16 अगस्त को चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद प्रदेश में आचार संहिता लग गई थी। उसके तुरंत बाद उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दिया था। अत्रे ने कहा कि चूंकि चुनाव में यदि काम करना है तो, आप सरकारी पद पर रहकर पार्टी के लिए चुनाव में काम नहीं कर सकते। इसलिए इस्तीफा देना जरूरी था और इसी के चलते तुरंत अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

पार्टी की हर जिम्मेदारी निभाएंगे

विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने को लेकर प्रवीण अत्रे ने बताया कि बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है। बीजेपी में शीर्ष नेतृत्व और संसदीय बोर्ड तय करता है कि किस कार्यकर्ता को क्या जिम्मेदारी दी जाए और किसका कहां पर उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व जो भी काम उन्हें देंगे, उसे वह पूरी तन्मन्यता के साथ करेंगे। उन्होंने बताया कि मीडिया सचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें खुद का मीडिया देखने के लिए कहा था। इसलिए फिलहाल वह मुख्यमंत्री का मीडिया देख रहे हैं। इसके अलावा पार्टी कोई अन्य काम या जिम्मेदारी देंगी उसे भी निभाएंगे।

आचार संहिता के कारण रुकी मीडिया के कैशलैस इलाज की घोषणा

प्रवीण अत्रे ने बताया कि मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव रहते हुए उन्होंने पत्रकारों से जुड़ी सभी मांगों को पूरा करवाने की कोशिश की है। इसी के चलते मीडिया वेलबिंग की ओर से उठाई गई दो मांगों को भी मुख्यमंत्री से पूरा करवाया था, जिसमें पत्रकार पर एफआईआर होने की सूरत में पेशन रोकने और एक ही परिवार में एक व्यक्ति को पेंशन देने का मामला था। इसके अलावा प्रदेश सरकार के स्तर पर पत्रकारों के लिए कैशलैस इलाज की सुविधा देने की घोषणा भी जल्द होने वाली थी, क्योंकि केंद्र की एक एजेंसी के पास यह काम रुका हुआ था, लेकिन इसी दौरान आचार संहिता लग गई, जिसके चलते यह घोषणा नहीं हो पाई। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनते ही सबसे पहले यहीं घोषणा की जाएगी।

हर इलाके के लिए बनाएगी मीडिया सेंटर

प्रवीण अत्रे ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से हर चुनाव में रोहतक में एक मीडिया सेंटर बनाया जाता है। इसके अलावा एक पंचकूला और एक मीडिया सेंटर गुरुग्राम में भी बनाया जाएगा। इससे जहां प्रचार के लिए आने वाले नेताओं को मीडिया तक अपनी बात पहुंचाने में आसानी होगी। वहीं, मीडिया के साथियों को भी इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा।

राहुल के प्रचार से नहीं पड़ता फर्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से जींद से पार्टी के चुनाव अभियान की शुरूआत करने को लेकर प्रवीण अत्रे ने कहा राहुल गांधी कहीं से चुनाव प्रचार शुरू कर दे। इससे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। आज हरियाणा की जनता कांग्रेस की सच्चाई को बेहतर तरीके से समझ चुकी है। जनता आज भी कांग्रेस के राज में गोहाना और मिर्चपुर में दलितों पर हुए अत्याचार को आज तक नहीं भूली है। कांग्रेस ने आज तक किसानों की गेहूं औऱ धान के अलावा किसी भी फसल को एमएसपी पर नहीं खरीदी, जबकि बीजेपी ने अब हरियाणा में किसान की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने की घोषणा की है। कांग्रेस के समय में नौकरियों में होने वाली बंदरबाट और पर्ची-खर्ची को प्रदेश का युवा नहीं भूलेगा, क्योंकि पर्ची-खर्ची के खेल में काबिल युवा नौकरी के लिए धक्के खाता रह जाता था। इतना ही नहीं 2004 से 2014 तक में हरियाणा में महिलाओं के प्रति अपराध में 174 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

लोग फिर देखेंगे नजारा

कांग्रेस की ओर से हरियाणा के सभी दिग्गज नेताओं के एक मंच पर इकट्ठा होने के दावे को लेकर प्रवीण अत्रे ने कहा कि ऐसे में हरियाणा के लोगों को फिर से एक नजारा देखना को मिलेगा, क्योंकि अशोक तंवर जब हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे तो भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों ने उनकी सरेआम पिटाई कर दी थी, जबकि वह राहुल गांधी के स्वागत के लिए गए थे। इसलिए कांग्रेस के नेता कभी भी एक मंच पर इकट्ठे नहीं हो सकते।

 

 

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