गांधी परिवार के करीबी JNU के पूर्व छात्र प्रदीप के हरियाणा चुनावी मैदान में उतरने के संकेत

Edited By Isha, Updated: 29 Aug, 2024 03:55 PM

pradeep narwal close to gandhi family entering the electoral fray in haryana

हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए पार्टी हाई कमान और राहुल गांधी एक नई नीति बना सकते हैं। इस नीति पर चलते हुए राहुल गांधी अपनी वा प्रियंका गांधी

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) :  हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए पार्टी हाई कमान और राहुल गांधी एक नई नीति बना सकते हैं। इस नीति पर चलते हुए राहुल गांधी अपनी वा प्रियंका गांधी की कोर कमेटी के सदस्य और राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव प्रदीप नरवाल के प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उतार सकते हैं। ऐसा होने से जहां राहुल गांधी के दलित हितैषी होने का दावा सच साबित होगा। वहीं, उन्हें बीजेपी की ओर से पिछड़े वर्ग से बनाए मुख्यमंत्री का तोड़ भी मिल सकता है।

प्रदीप नरवाल पूर्व में जेएनयू के छात्र नेता भी रह चुके हैं। इसके साथ ही नरवाल कांग्रेस की राजनीति में राहुल गांधी के अत्यंत विश्वास पात्र लोगों में से एक माने जाते हैं। इसके अलावा प्रियंका गांधी से उनकी नजदीकियां भी किसी से छिपी नहीं है। कांग्रेस की राजनीति में दलित चेहरे के रूप में प्रदीप नरवाल की अपनी बड़ी पहचान है।

उन्होंने ''भारत जोड़ो यात्रा" के दौरान राहुल गांधी के साथ लगातार लंबा सफर तय करने का दायित्व भी बखूबी निभाया था। छात्रसंघ की राजनीति जेएनयू से शुरू कर कांग्रेस में गांधी परिवार में अपनी पैठ बनाने वाले प्रदीप नरवाल एक साधारण दलित परिवार से हैं। ग़ांधी परिवार की निकटता के कारण राष्ट्रीय सचिव, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, सह प्रभारी-उत्तर प्रदेश व प्रियंका गांधी के सचिव के रूप में यूपी के सह-प्रभारी भी हैं।  

कांग्रेस में अपने दम पर बनाई पहचान
प्रदीप नरवाल हरियाणा की उन राजनीतिक हस्तियों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने दम पर राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व गांधी परिवार तक अपना सीधा रुतबा कायम किया है। हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा, राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा की सीधी पहुंच गांधी परिवार में रही है। राजनीतिक रूप से प्रदीप नरवाल की उंगली पकड़कर उनको आगे बढ़ाने वाला कोई सहारा उन्हें राजनीति में नहीं मिला। राहुल गांधी की ''भारत जोड़ो यात्रा" में पश्चिमी यूपी तथा हरियाणा के कई क्षेत्रों में उनके साथ नजर आने वाले प्रदीप नरवाल का राजनीतिक व्यक्तित्व उनकी कड़ी मेहनत तथा जेएनयू में छात्र राजनीति के तहत मिले राजनीतिक पृष्ठभूमि से आगे बढ़ा है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के द्वारा "भारत जोड़ो यात्रा" के दौरान हरियाणा से संबंधित प्रदीप नरवाल पूरी यात्रा के दौरान साए की तरह उनके साथ चल रहे थे। प्रदीप नरवाल मूल रूप से हरियाणा से संबंध रखते है। लगभग 6 साल पहले प्रदीप नरवाल ने राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी। प्रदीप नरवाल वर्तमान में राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की कोर कमेटी के सदस्य भी हैं। इसीलिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस संगठन ने सचिव पद भी नवाजा हुआ है। गांधी परिवार में जिस प्रकार से प्रदीप नरवाल का विश्वास व कद दिन भर दिन बढ़ रहा है, वह हरियाणा के ऐसे कई नेताओं के लिए तकलीफ देह हो सकता है जो कई दशकों से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं। 

अंबेडकरवादी दलित नेता की छवि
प्रदीप नरवाल हरियाणा के सोनीपत ज़िलें के कथुरा गांव के रहने वाले है। इनकी छवि हमेशा से अंबेडकरवादी दलित नेता की रही है। मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में प्रदीप नरवाल का जीवन संघर्ष भरा रहा है। इससे पहले प्रदीप नरवाल हरियाणा कांग्रेस में अनुसूचित जाति विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके है। उसके बाद इन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग में राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर व उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया गया था। 

इन सीटों पर पार्टी ले सकती है फैसला
प्रदीप नरवाल दलित नेता होने के साथ ही हरियाणा में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। ऐसे में कांग्रेस की ओर से नरवाल को प्रदेश की इसराना और समालखा के अलावा किसी अन्य सीट से भी प्रत्याशी बनाया जा सकता है।


कांग्रेस को हो सकता है दोहरा लाभ
प्रदीप नरवाल को लेकर राहुल गांधी यदि कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो पहले से गुटों में बंटी कांग्रेस में गुटबाजी पर लगाम लगने के साथ ही राहुल गांधी की ओर से दलित वर्ग के हितैषी होने के दावा भी सच साबित हो सकता है।

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