Edited By Isha, Updated: 31 Jul, 2024 09:04 AM
हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक हेड कांस्टेबल 15 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का शिकार हो गया। पुलिसकर्मी ने एक व्यक्ति से प्लॉट खरीदा था। जब वह प्लॉट का एग्रीमेंट रजिस्टर्ड करवाने गया तो उसे पता चला कि प्लॉट बेचने वाले के नाम पर जमीन ही नहीं है।...
रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक हेड कांस्टेबल 15 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का शिकार हो गया। पुलिसकर्मी ने एक व्यक्ति से प्लॉट खरीदा था। जब वह प्लॉट का एग्रीमेंट रजिस्टर्ड करवाने गया तो उसे पता चला कि प्लॉट बेचने वाले के नाम पर जमीन ही नहीं है। एसपी के आदेश पर सदर थाना पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वहीं, पीड़ित पुलिसकर्मी ने डीएसपी पवन कुमार द्वारा की गई जांच पर भी सवाल उठाए हैं। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल ग्यारसी लाल ने बताया कि उसने वर्ष 2015 में गांव बागड़ावा निवासी विनोद से शहर के बाईपास पर स्थित सन सिटी के सामने नया गांव दौलतपुर की सीमा में 133 गज का प्लॉट खरीदा था।
उस समय आरोपियों ने 15 लाख 29 हजार 500 रुपए वसूल कर पूरा भुगतान एग्रीमेंट कर दिया था। कई सालों तक रजिस्ट्री न होने पर पिछले साल पुलिसकर्मी ग्यारसी लाल ने विनोद से एग्रीमेंट की रजिस्ट्री करवाने को कहा। पटवारी ने पता किया कि जमीन उसके नाम पर नहीं है। फिर आरोपी विनोद ने उससे 2 लाख रुपए और उधार ले लिए। ग्यारसी लाल का आरोप है कि विनोद के बार-बार मना करने पर वह उक्त प्लाट की जांच करवाने तहसील गया तो पटवारी ने उसे बताया कि यह प्लाट विनोद कुमार के नाम पर नहीं है और जमीन के लिए किया गया एग्रीमेंट फर्जी है। इसके बाद ग्यारसी लाल ने विनोद से अपने पैसे मांगे, लेकिन आरोपी ने पैसे वापस नहीं किए। ग्यारसी लाल ने इसकी शिकायत एसपी रेवाड़ी से की। एसपी ने मामले की जांच डीएसपी पवन कुमार को सौंपी।
ग्यारसी लाल का आरोप है कि डीएसपी ने 3 महीने तक एकतरफा जांच की। वह डीएसपी से तीन बार मिला, लेकिन हर बार उसे सिर्फ आश्वासन ही दिया गया। डीएसपी ने एक बार भी मेरा गवाह नहीं बुलाया और न ही मुझे और विनोद को आमने-सामने बैठाकर जांच की। ग्यारसी लाल ने इसकी शिकायत दोबारा एसपी से की। एसपी ने तुरंत सदर थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए। सदर पुलिस ने आरोपी विनोद के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।