कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचकूला द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘पेड़ लगाओ अभियान’ का शुभारंभ

Edited By Isha, Updated: 10 Jun, 2021 04:25 PM

plant trees campaign launched by krishi vigyan kendra

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचकूला द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘पेड़ लगाओ अभियान’ का शुभारंभ किया गया, जिसमें केन्द्र के अनुसंधान फार्म, गरींडा समेत आस-पास के गांवों के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कृषि...

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचकूला द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘पेड़ लगाओ अभियान’ का शुभारंभ किया गया, जिसमें केन्द्र के अनुसंधान फार्म, गरींडा समेत आस-पास के गांवों के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचकूला द्वारा आयोजित किए गए विश्व पर्यावरण दिवस एवं पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान केन्द्र की समन्वयक डॉ. श्रीदेवी ने मुख्य अतिथि और गरींडा गांव के मुखिया श्री लखमी सिंह ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की।
वनस्पति एवं पौध विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. श्रीदेवी ने कहा कि वायुमंडल को बचाने के लिए पेड़ पौधों को बचाना अति आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन के कारण मानवजाति के अस्तित्व पर खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से हम कोरोना महामारी का संकट झेल रहे हैं और कोरोना पीडि़तों को ऑक्सीजन की कमी के कारण जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पेड़ पौधे ही ऑक्सीजन का प्रमुख प्राकृतिक स्रोत हैं और अगर हमें स्वस्थ जीवन चाहिए तो अधिक से अधिक संख्या में पेड़-पौधे लगाना बहुत ही जरूरी है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए हम सभी को आगे आना होगा और अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे ताकि हमें जीवनरक्षक ऑक्सीजन की कमी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि आज लगाए गए पौधों से ही हमारा आने वाला कल बेहतर बनेगा और हर व्यक्ति को पौधरोपण का संकल्प लेना चाहिए। इस मौके पर डॉ. रविन्द्र ने सभी किसानों का स्वागत करते हुए आह्वान किया कि पर्यावरण को बचाने के लिए यह जरूरी हो गया है कि हम बड़े स्तर पर पौधारोपण करें। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भावी पीढिय़ों के लिए ऑक्सीजन रूपी संजीवनी को सहज कर रखना होगा, जिसके लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने बहुत जरूरी हैं।

कृषि अर्थशास्त्री डॉ. गुरनाम सिंह ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि प्रदेश में पारम्परिक खेती के साथ-साथ कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे किसानों की आमदनी तो बढ़ेगी ही साथ ही पर्यावरण भी बचाया जा सकेगा। इसी प्रकार, कृषि विशेषज्ञ डॉ. वंदना ने औषधीय पौधों के रोपण पर जोर देते हुए कहा कि औषधीय पौधों का आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में बहुत महत्व है और विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनाने में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों की भूमिका अतुल्य है।

बागवानी विशेषज्ञ डॉ. राजेश लाठर ने कहा कि फलदार पौधे न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं बल्कि पोषक एवं खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि किसान फलदार पौधे लगाकर अधिक आय भी ले सकते हैं। डॉ. गजेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर बोलते हुए कृषि विविधिकरण पर बल दिया और लोगों से प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की अपील की। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचकूला के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा क्षेत्र के अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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