हरियाणावालों क्या आप जानते हैं अपने CM की ये खास बातें, जानें कंप्यूटर ऑपरेटर से कैसे पहुंचे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक...

Edited By Isha, Updated: 17 Oct, 2024 08:56 PM

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एक आम साधारण परिवार से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी एक बार फिर से आज मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। पंचकूला स्थित पंचकमल भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री अमित शाह राजस्थान

चंडीगढ( चंद्र शेखर धरणी):  एक आम साधारण परिवार से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी एक बार फिर से आज मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। पंचकूला स्थित पंचकमल भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री अमित शाह राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन यादव के रूप में बनाए गए केंद्रीय  पर्यवेक्षको की मौजूदगी में उन्हें विधायक पद का नेता चुन हरियाणा के नए सीएम के रूप में मोहर लगाई। उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी 1970 को अंबाला जिला के नारायणगढ़ तहसील गांव मिर्जापुर माजरा सैनिक रेलू राम के के घर  जन्मे नायब सैनी ने गरीबों का झंझावतों को झेलते हुए प्रदेश की राजनीति में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया जिसकी कल्पना मात्र भी अकल्पनीय है 

 गन्ना आंदोलन से से हुए लोकप्रिय 
अंबाला जिला में जिस वक्त गन्ना भुगतान को लेकर किसान आंदोलन रतथे उसे वक्त नायक सैनी द्वारा किसान आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाते हुए किसानों का साथ दिया था जिसमें उन्होंने रिद्धि सिद्धि यज्ञ भी किया। इसके बाद पार्टी द्वारा इन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया। जबकि 2002 में इन्हें अंबाला जिले का युवा मोर्चा का महासचिव व 2005 में युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष बनाया गया था।

2000 में लेडी लक के रूप में मिली सुमन सैनी

साल 2000 में सुमन सैनी के साथ इनका विवाह हुआ उसके बाद उनके पास एक बेटा और बेटी के रूप मेंअनिकेत और अंशिका है। दोनों बच्चे अभी स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। 

 90 के दशक में संघ मे हुआ मनोहर से मिलन 
साल 1990 में जब नायब सैनी पंचकूला स्थित आरएसएस कार्यालय में जाने लगे। इस दौरान ही वे राष्ट्रीय सेवक संघ  की विचारधारा से इतनी प्रभावित हुए की उन्होंने इसी को ही अपना राजनीतिक ध्येय बना लिया। यहीं पर उनकी संघ के प्रांतीय प्रचारक के रूप में कार्य करने वाले मनोहर लाल से मुलाकात हुई। मनोहर लाल उनकी लगन, मेहनत और काम के प्रति समर्पण से इतने प्रभावित हुए की इन्हें अपने टीम का मुख्य सदस्य बना लिया। इसके बाद जहां इन्होंने मनोहर लाल की कार भी चलाई। वही इन्होंने रोहतक स्थित मंगल सेन भाजपा प्रदेश कार्यालय कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। इस दौरान मनोहर लाल के साथ उनके पुराने और परम मित्र धनीराम भारती भी विशेष सहयोगी रहे। जिन्होंने उसे वक्त बीजेपी की बात नामक पत्रिका निकाली जिसके धनीराम भारतीय संपादक भी थे। 


गुरु के आशीर्वाद से मिला टिकट
वर्ष 2009 में जब हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा संगठन मंत्री मनोहर लाल ने करनाल से चुनाव लड़ा उसके साथ ही उन्होंने नारायणगढ़ सीट से भाजपा की टिकट के लिए नायब सैनी के नाम को आगे बढ़ाया। इसके बाद भाजपा नेतृत्व द्वारा  नायब सैनी को नारायणगढ़ से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया। इस दौरान जहां भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकारबनी  वहीं नायब सैनी ने भी भाजपा की टिकट से नारायणगढ़ से जीत दर्ज की। इसके बाद मनोहर लाल पार्ट वन में इन्हें राज्य मंत्री बनाया गया।  हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में भले ही मनोहर लाल फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हो लेकिन नायब सैनी को इस बार नारायणगढ़ विधानसभा सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन पार्टी द्वारा नारायण सिंह सैनी की संगठन के प्रति काबिलियत को देखते हुए उन्हें पिछड़ा वर्ग का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। उसके बाद कुरुक्षेत्र लोकसभा से भाजपा की टिकट पर सांसद चुने गए। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद रहते हुए ही उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में उनकी जगह  लोकसभा से  नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया।

 कुरुक्षेत्र भूमि नायाब के जीवन में लिखी नई राजनीतिक ईबारत 
नायब सैनी को कुरुक्षेत्र लोकसभा सांसद रहने के दौरान ही जहां भाजपा ओबीसी मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वही सांसद रहने के दौरान ही उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री की बागडोर भी सोप गई जिसमें अहम रोल एक बार फिर से उनके गुरु मनोहर खट्टर का मनोहर लाल खट्टर का ही रहा। 

तब से अब तक कर रही है गुरु चेले की जोड़ी कमाल
भले ही भारतीय जनता पार्टी द्वारा बीते 10 सालों की सरकार विरोधी मुहिम को रोकने के लिए मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब श्रेणी को प्रदेश की बागडोर सौंप जहां सरकार विरोधी लहर को कम करने की कोशिश की गई वहीं मौजूदा समय में भाजपा का कोर वोटर कहे जाने वाले ओबीसी समाज को भी एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की। जिसकी बदौलत बीजेपी लगातार तीसरी बार प्रदेश की सत्ता हासिल करने में भी कामयाब रही क्योंकि प्रदेश में तकरीबन 40% के आसपास ओबीसी मतदाता हैं जिनका झुकाव ज्यादातर भाजपा की ओर ही रहता है।

नायब ने अपनी काबिलएत के दम पर 6 माह ही बनाई अलग पहचान
 नायब सैनी ने अपने मिलनसार संभव  सौम्य मृदुभाषी में हंसमुख छवि के दम पर प्रदेश की हर वर्ग में  एक अलग छाप छोड़ी। यही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री आवास संत कबीर कुटीर चंडीगढ़ के दरवाजे में आमजन के लिए 24 घंटे को खुले रखे।  उनके पिछले कार्यकाल के दौरान तो जहां में अर्धरात्रि तक कार्यकर्ताओं की समस्यासुनते देखें। इसके अलावा एक पार्टी कार्यकर्ता ने तो उन्हें रात के 12:00 फोन भी किया जब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उनका फोन उठाया तो उन्होंने कहा कि वह तो चेक कर रहे थे कि आप कहते थे कि मैं रात के 12:00 बजे भी आपका फोन उठाऊंगा।

 

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