Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 21 Jun, 2025 11:55 AM

सेक्टर 67 की अंसल एसेंसिया सोसाइटी के लोगों ने स्थानीय RWA पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि वर्तमान RWA ने सोसाइटी के साथ लगती हुई Ireo बिल्डर प्रोजेक्ट को मूलभूत सुविधाएं देने के नाम पर फर्जी तरीके से एक एग्रीमेंट साइन कर लिया।
गुड़गांव, (ब्यूरो): सेक्टर 67 की अंसल एसेंसिया सोसाइटी के लोगों ने स्थानीय RWA पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि वर्तमान RWA ने सोसाइटी के साथ लगती हुई Ireo बिल्डर प्रोजेक्ट को मूलभूत सुविधाएं देने के नाम पर फर्जी तरीके से एक एग्रीमेंट साइन कर लिया। रातोंरात अंसल सोसाइटी में बिजली लाइन डालने के लिए गड्ढे खोद दिए गए। इसके बाद असल सोसाइटी के हालत बिगड़ गए। आरोप यह भी है कि बिल्डर को शय देने में प्रशासनिक अधिकारियों का भी हाथ है। लोगों ने DTP विभाग के अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह पहले भी RWA और बिल्डर की मनमानी के खिलाफ अधिकारियों को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। यही कारण है कि आज तक लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई और बिल्डर द्वारा इस सोसाइटी के कार्य को आज तक पूरा नहीं किया गया है।
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स्थानीय निवासी तेजपाल की माने तो अंसल बिल्डर द्वारा सोसाइटी की उस जमीन को भी बेच दिया, जिसे नियम के अनुसार बेचा नहीं जा सकता था। यहां तक कि बिल्डर ने मंदिर, स्कूल की जमीन को भी बेचने का प्रयास किया है। सोसाइटी के बचे हुए काम पूरे न करने पड़े इसके लिए बिल्डर ने एनसीएलटी का सहारा लिया है। इसकी आड़ में स्थानीय RWA अब मनमानी करने पर उतारू हो गई है।
स्थानीय निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि लाखों रुपए की लालच में RWA ने फर्जी तरीके से ही है एग्रीमेंट किया है, जबकि RWA के पास केवल वेंडर नियुक्त करने का ही अधिकार है। अब अवैध रूप से करवाए जा रहे कार्यों के कारण स्थानीय निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खुदाई किए जाने और पाइप का ढेर लगाए जाने के कारण अपने ईष्ट की आराधना करने के लिए लोग मंदिर में भी नहीं जा पा रहे हैं।
आपको बता दे कि असल की यह सोसाइटी शुरू से ही विवादों में रही है। बिजली सबस्टेशन निर्माण को लेकर हो या सड़कों की मरम्मत की बात हो, सभी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी सोसाइटी निवासियों को बिल्डर ने बुरी तरह से परेशान किया है। करीब 2 साल पहले एक नया विवाद भी सोसाइटी में सामने आया था, जिसमें सिंचाई विभाग ने सोसाइटी के बीच से एक बरसाती ड्रेन होने का दावा किया था और इसके निर्माण के लिए खुदाई भी शुरू कर दी थी। जिस स्थान पर सिंचाई विभाग ने ड्रेन के लिए निशानदेही की, वहां कई प्लॉट हैं। प्लॉट धारकों को नुकसान ना हो इसके लिए तत्कालीन RWA प्रधान धर्मेंद्र तंवर ने प्रशासनिक अधिकारियों से कानूनी लड़ाई शुरू करते हुए हाई कोर्ट में केस दायर किया और कार्य को रुकवाया।
इसके साथ ही अंसल बिल्डर के खिलाफ आवाज उठाते हुए बिजली सब स्टेशन बनाए जाने का रास्ता साफ़ कराया। सोसाइटी की जर्जर सड़कों की जब बिल्डर ने सुध नहीं ली तो धर्मेंद्र तंवर ने अपने स्तर पर सड़कों का सुधार कराया था। वहीं अब वर्तमान RWA प्रधान से स्थानीय निवासी नाखुश दिखाई दे रहे हैं। वही इस संदर्भ में जब वर्तमान RWA प्रधान गोविंद चौहान से बात करके उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो उन्होंने किसी जरूरी कार्य में व्यस्त होने की बात कही और बाद में अपना पक्ष देने की बात कही है।