आस्था के नाम पर मां-बाप ने 5 वर्षीय बच्चे को किया था दान, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किया रेस्क्यू

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 27 Jul, 2023 04:28 PM

parents donated a 5 year old child in the name of faith

21वीं सदी में भी भारतीय समाज में अंधविश्वास अपने चरम पर है। इसका ताजा उदाहरण हांसी में देखने को मिला, जहां 5 साल के बच्चे को उसके मां-बाप ने डेरे में साधुत्व के लिए दान कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। वहीं बच्चे के साधू बनने के...

हांसी(संदीप सैनी): 21वीं सदी में भी भारतीय समाज में अंधविश्वास अपने चरम पर है। इसका ताजा उदाहरण हांसी में देखने को मिला, जहां 5 साल के बच्चे को उसके मां-बाप ने डेरे में साधुत्व के लिए दान कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। वहीं बच्चे के साधू बनने के दस्तावेज मांगे गए तो गिरी महाराज द्वारा कोई भी दस्तावेज नहीं दिए गए। जिसके बाद बच्चे को जूनाइल ऑफिसर ने बच्चे को अपने साथ ले लिया है। बच्चे का मेडिकल करवाकर सीडब्ल्यूसी के हवाले किया जाएगा। साथ ही बच्चे के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। 

 

भिक्षा मांगते देखा गया था बच्चा

बता दें सिसाए गांव में बाबा चांदपुरी श्री श्री 1008 महाराज के डेरे में 6 वर्षीय साधु सुबह उठकर गांव में भिक्षा मांगते हुए नजर आता था। यह छोटा साधु सोमवार गिरी महाराज के साथ रह रहा था। उनका कहना है कि साधुओं ने बच्चे का नामकरण भी किया है। अब बच्चे को शंकर गिरी का नाम दिया गया है। उसके पहले का नाम अमीर था। गिरी महराज ने बताया कि जब बच्चा साढ़े 5 साल का था। तब उसके पिता ने उसे कनोह गांव में स्थित ढेरे में दान किया था। उसके बाद से ये बच्चा उसके साथ रह रहा है। वह जिस भी डेरे में जाते हैं, मासूम बच्चा उनके साथ रहता है।

 

जुनाईल ऑफिसर बच्चे को अपने साथ ले गए

वहीं जुनाईल ऑफिसर ने 6 वर्षीय साधु से पूछा कि उसे मां-बाप के पास जाना है तो बच्चे ने हां में जवाब दिया। उससे पूछा गया कि यहां पर उसका मन लगता है तो बच्चे ने नहीं में जवाब दिया। साथ ही बच्चे को यहां पर कैसे लेकर आए के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गुरू उन्हें यहां पर लेकर आए है। जिसके बाद जुनाइल ऑफिसर बच्चे को गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गए।

 

3 साल पहले भी 2 बच्चों को किया गया था रेस्क्यू

मंदिरों में मन्नत मांगने वाले कुछ अंधविश्वासी लोग बच्चा होने पर मंदिरों में दान करने का ऐलान कर देते हैं। हांसी के समाधा मंदिर में भी कई साल पूर्व मंदिर के वर्तमान गद्दी सीन पाचमपूरी को भी पंजाब के एक परिवार ने मंदिर में दान दिया था। करीब 7 सात पहले हांसी के एक परिवार ने अपनी इच्छा से तीन माह के बच्चे को मंदिर में दान कर दिया था। करीब 3 तीन साल पहले हांसी के समाधा मंदिर में एक महीने के बच्चे को मंदिर में दान दे दिया था। जिसके बाद ये मामला सुर्खियों में आने के बाद पूर्व राज्य बाल संरक्षण चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने इस मामले में संज्ञान लिया और स्वयं हांसी के समाधा मंदिर में पहुंची थी, जहां से पांच साल व एक महीने के बच्चे को रेस्क्यू करवाकर परिजनों को सौंप दिया था। परिजनों को चेतावनी दी थी अगर दोबारा इस प्रकार का कार्य किया गया तो उनके खिलाफ जुवेनाइल एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले में थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि बच्चे की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंच गए। साथ ही बच्चे को वहां से बरामद किया गया। उसका मेडिकल करवाकर उसके बाद सीडब्ल्यूसी के हवाले किया जाएगा। बच्चे के परिजनों को सूचित कर दिया गया है।   

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