Edited By Shivam, Updated: 01 Oct, 2019 11:30 AM
हरियाणा में पिछले दो दिनों से हो रही बरसात ने अनाज मंडी में रखी धान की फसल को भीगो दिया है। मंडी में जगह न मिल पाने के कारण किसानों ने धान को खुले में रखा। इससे उनकी बारिश के कारण आधी फसल बह गई है।
अंबाला(अमन कपूर): हरियाणा की अंबाला छावनी अनाज में बड़ी लापरवाही सामने आई हैं। अनाज मंडी में किसानों की हजारा क्विंटल धान की फसल पहुंच चुकी हैं, लेकिन फसल को संभालने के लिए अधिकारियों के पास उचित प्रबंध नहीं है। पिछले दो दिन हुई बारिश से अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों क्विंटल धान की फसल भीग गई। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।
अंबाला-दिल्ली रोड पर सभी सुविधाओं से लैस का दावा करने वाली भाजपा सरकार की इस बरसात ने पोल खोल कर रख दी है। इस मंडी में बने अधिकांश शैड के नीचे हैफेड, एफसीआई और अन्य खरीद एजेंसियों का बारदाना और लक्कड़ के बोरी रखने वाले स्टैंड पड़े हैं। इससे मंडी में धान लेकर आने वाले किसानो को अपनी फसल को खुले में रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
किसानों का आरोप है कि मौसम विभाग द्वारा चार दिन तक बारिश की चेतावनी चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी खरीद एजेंसियों, आढ़तियों और न ही मार्केटिंग बोर्ड की तरफ से कोई इंतजाम किए गए। किसानों का कहना है कि बरसात में मजदूर भी बाहर नहीं निकलते और बारिश में उनका आधा धान बहने से उन्हें भारी नकुसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सकी भरपाई कौन करेगा।
उन्होंने कहा कि मंडी में बने 6 शैड में से कोई भी खाली नहीं है, जहां किसान अपनी फसल रख सके। किसानों ने कहा मंडी में न तो तिरपाल की व्यवस्था है औन ना ही खाने की व्यवस्था। वहीं किसानों के पैसे से किसान भवन बनाया गया है, लेकिन मार्केटिंग बोर्ड उस पर ताले लगा देता है। किसान को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है, वहीं सार्वजानिक शौचालयों में गंदी का आलम है।
वहीं नई अनाज मंडी में बैठे मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि बरसात के कारण पेडी भीग गई है। हमने खरीद एजेंसियों को शैड के नीचे पड़ी धान को उठाने को कहा है, जिससे किसानो की पेडी वहां लगाई जा सके। बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि उन्होंने सरकार को किसानों की भीगी फसल बारे पत्र लिखा है। उधर, मार्केटिंग कमेटी सचिव का कहना है कि बरसात में गीली होने के कारण जीरी को खुले में डाला गया है, जब यह सुख जाएगी इसे खरीदा जाएगा।