खरीफ 2023 की बर्बाद फसलों पर नाममात्र की राहत, BKU ने चेताया अनाज बिक्री के बाद होगा आंदोलन

Edited By Isha, Updated: 20 Apr, 2025 12:00 PM

nominal relief on ruined crops of kharif 2023

भाकियू ने प्रदेश के मुख्यमंत्री आरोप व कृषि मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि खरीफ सीजन 2023 की खराबें की भेंट चढ़ कपास, ग्वार, बाजरे की फसलों का पीएम फसल बीमा कंपनी ने सेटेलाईट सर्वे करवा कर नाममात्र मु

बाढड़ा: भाकियू ने प्रदेश के मुख्यमंत्री आरोप व कृषि मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि खरीफ सीजन 2023 की खराबें की भेंट चढ़ कपास, ग्वार, बाजरे की फसलों का पीएम फसल बीमा कंपनी ने सेटेलाईट सर्वे करवा कर नाममात्र मुआवजा जारी किया है जो ऊंट ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।

भाकियू कंपनी की मनमानी का विरोध करते हुए आज सीएम व कृषिमंत्री के माध्यम से सारे मामले की जांच करवा कर पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा जारी करवाने की मांग करती है वरना अनाज बिक्री सीजन के बाद बड़ा आंदोलन शुरु करने का अल्टीमेटम दिया।

भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा की अगुवाई में उपमंडल के किसानों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा को भेजे पत्र की जानकारी देते हुए किसानों ने आरोप लगाया कि बीमा कंपनियां एक तरफ तो लगाय प्रीमियम के रूप में भारी-भरकम पैसे वसूल कर रही है वहीं ओलावृष्टि या सूखे की चपेट में आने पर फसलों का बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है।



वर्ष 2023 के खरीफ सीजन की कपास की फसलों पर पहले सूखे की मार व फिर बेमौमसी बरसात होने से सभी पौधे खराब हो गया और उत्पादन में 60 से 100 फीसदी झटका लगा था और भाकियू अध्यक्ष सिंह भांडवा। हरपाल तक के नुकसान का राजस्व विभाग ने भी इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई थी लेकिन पीएम फसल बीमा कंपनी ने पहले तो आनाकानी की फिर सेटेलाईट की रिपोर्ट के आधार पर मामूली मुआवजा दिया गया है जो नाकाफी है इससे तो कृषकों को लागत भी नहीं मिल पाई है। किसानों की हजारों एकड़ फसलें खराबें की भेंट चढ़ गई, लेकिन अब पीएम फसल बीमा के लिए अनुबंधित कंपनी ने सारी रिपोर्ट में गोलमाल कर किसानों के मुंह से निवाला छिनने का काम किया है।


इससे अकेले दादरी जिले को 50 करोड़ व भिवानी जिले को ढाई सौ करोड़ का नुकसान हुआ है। किसानों ने दो टूक चेतानदी दी कि जल्द ही सुनवाई नहीं की तो पहले सीएम आवास पर मुलाकात के लिए समय मांगा गया है तथा उसके बाद अनाज बिक्री सीजन के बाद बड़ा आंदोलन शुरु करने का अल्टीमेटम दिया। प्रतिनिधिमंडल में महासचिव ओमप्रकाश उमरवास, रमौतार लाड, गिरधारी मोद, रणधीर हुई, सतबीर बाढड़ा, प्रताप हंसावास, करणसिंह, धर्मपाल सिंह, कमल सिंह हड़ौदी, पूर्व सरपंच वेदप्रकाश, जगत सिंह बाढड़ा, मुख्तयार सिंह भी मौजूद रहे।


सीएम कार्यालय में अटकी है डेव माह से गड़बड़झाले की की जांच प्रदेश में खरीफ 2023 सीजन की कपास की फसल पर पहले सूखे की गार की व फिर बेमौसमी बरसात से किसानों हजारों एकड़ खराबें की भेंट चढ़ गई। जिन किसानों ने पीएम बीमा योजना से फसलों का बीमा करवाया उन्होंने उनको सूचित किया तो बीमा कंपनी व कृषि विभाग ने विशेष रिपोर्ट तैयार राज्य मुख्यालय भेजी।



दो बार समीक्षा रिपोर्ट के बाद बीमा कंपनी को 4 सौ करोड़ से अधिक का मुआवजा जारी करना था लेकिन नियमों का हवाला देकर कंपनी ने इससे हाथ पीछे खींच लिए और मामला कृषि विभाग की राज्य तकनीकी सलाहकार कमेटी पंचकूला के पास भेज दिया। प्रदेश में मई माह के बाद लगातार संपन्न हुए लोकसभा व बाद में हुए, विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान कमेटी व बीमा कंपनी ने तीन बार बैठकें आयोजित कर हरसेक की रिपोर्ट के आधार पर प्रति एकड़ कम से कम दरों पर मुआवजा निर्धारित कर दिया।


जिस पर अकेले चरखी दादरी व भिवानी जिले के हजारों किसानों के पैरों से जमीन खिसक कई और उन्होंने पूर्व कृषि मंत्री जेपी दलाल से मुलाकात कर सारी स्थिति से अवगत करवाया। कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने राज्य तकनीकी सलाहकार कमेटी से पूरी रिपोर्ट तलब की जिस पर सारा गोलमाल नजर
 

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