Edited By Deepak Kumar, Updated: 10 Aug, 2025 08:06 PM

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गुरुग्राम के सेक्टर-50 में जल निकायों की भूमि पर अवैध विकास कार्य करने और प्लॉट काटकर आवंटन करने के मामले में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
चंडीगढ़: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने गुरुग्राम के सेक्टर-50 में जल निकायों की भूमि पर अवैध विकास कार्य करने और प्लॉट काटकर आवंटन करने के मामले में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अधिकरण ने स्पष्ट किया कि HSVP ने जल निकायों की रक्षा करने की बजाय उन्हें नुकसान पहुंचाया है, जो कि ‘प्रदूषणकर्ता भुगतान करता है’ सिद्धांत का उल्लंघन है।
ये है मामला
ग्राम आदमपुर (झारसा पंचायत) की खसरा संख्या 24 (17 कनाल 8 मरला) और खसरा संख्या 28 (15 कनाल 4 मरला) की भूमि, जिसमें पारंपरिक जल निकाय स्थित थे, को अधिग्रहण के बाद गुरुग्राम के सेक्टर-50 में शामिल कर लिया गया। खसरा संख्या 24 पर कोई विकास कार्य नहीं हुआ, जबकि खसरा संख्या 28 पर सड़कें, सीवर लाइन, बिजली की लाइनें बिछाई गईं और 17 प्लॉट काटे गए, जिनमें से 11 प्लॉट के आवंटी उत्तरदाता थे। 2022-23 में इन प्लॉटों का कब्जा आवंटियों को सौंपा गया और 9 मामलों में भवन निर्माण योजनाओं को मंजूरी भी दे दी गई। कुछ भूखंडों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
NGT की टिप्पणी
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की पीठ ने 8 अगस्त को फैसला सुनाया। फैसले में कहा, “भूमि का अधिग्रहण होने के बावजूद HSVP को इन जल निकायों को यथास्थिति में बनाए रखना था। लेकिन इसके विपरीत, उसने विकास कार्य कर और भूखंड आवंटित कर पारिस्थितिकी को हानि पहुंचाई। यह आर्द्रभूमि नियम, 2017 के नियम 4 का स्पष्ट उल्लंघन है, जो आर्द्रभूमियों के गैर-प्राकृतिक उपयोग को प्रतिबंधित करता है।” अधिकरण ने कहा कि ये जल निकाय आदमपुर गांव के निवासियों के लिए महत्वपूर्ण जल संसाधन थे, जिन्हें नुकसान पहुंचाया गया है।
NGT के निर्देश
HSVP को 50 लाख रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना तीन महीने के भीतर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) के पास जमा करना होगा। इस राशि का उपयोग जल निकायों के कायाकल्प के लिए तैयार की जाने वाली योजना के तहत किया जाएगा। योजना HSPCB, CPCB और गुरुग्राम के उपायुक्त की संयुक्त समिति द्वारा तैयार की जाएगी, जिसमें HSPCB नोडल एजेंसी होगा। खसरा संख्या 24 की भूमि को राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार तालाब के रूप में यथास्थिति में ही रखा जाएगा। खसरा संख्या 28 के बदले हरियाणा सरकार और HSVP को वैकल्पिक भूमि पर समान आकार का नया तालाब बनाना होगा, जिसे छह महीने के भीतर पूरा किया जाना है।
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