Edited By Saurabh Pal, Updated: 26 Jun, 2023 04:38 PM

भारतीय कुश्ती संघ के निर्वतमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण के खिलाफ आंदोलन की राह पर चलने वाले पहलवानों को सामाजिक कार्यकर्ता नवीन जयहिंद ने नसीहत दी है कि वे राजनीतिक दलों की फुटबॉल बनकर सामाजिक भाईचारे को खराब ना करें...
रोहतक (प्रवीण कुमार धनखड़) : भारतीय कुश्ती संघ के निर्वतमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण के खिलाफ आंदोलन की राह पर चलने वाले पहलवानों को सामाजिक कार्यकर्ता नवीन जयहिंद ने नसीहत दी है कि वे राजनीतिक दलों की फुटबॉल बनकर सामाजिक भाईचारे को खराब ना करें। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन फेडरेशन पर कब्जे का झगड़ा है, यह पहलवानों का व्यक्तिगत मामला है। इससे समाज पर बुरा असर पढ़ रहा है। नवीन जयहिंद ने सोमवार को इस मामले को लेकर रोहतक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जयहिंद ने पहलवानों के आपसी ट्विटर वार को लेकर बजरंग पूनिया और योगेश्वर दत्त को भी खरी-खरी सुनाई।
नवीन जयहिंद ने कहा कि पहलवानों का जो आंदोलन चल रहा है, उसमें वास्तविक सच्चाई फेडरेशन पर कब्जे को लेकर हो रहा झगड़ा है। क्योंकि जैसे ही हरियाणा सरकार के मंत्री संदीप सिंह ने कुश्ती को लेकर एक फेडरेशन बनाई थी, जिसे भारतीय कुश्ती संघ ने मान्यता नहीं दी और गुजरात में संदीप सिंह की फेडरेशन के खिलाड़ियों को नहीं खेलने दिया गया। इसके बाद से ही इस मामले की शुरुआत हुई। यह पहलवानों की निजी लड़ाई है। इसको बेवजह जातिवाद और सामाजिक रंग दिया जा रहा है। वे आंदोलनरत पहलवानों से यह गुजारिश करते हैं कि राजनीतिक दलों का फुटबॉल ना बनें। राजनीतिक दल इसे जातिवाद का रंग देकर बंदूक चलाने के लिए उनके कंधों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने योगेश्वर दत्त, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को भी खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि आपस में जो उनका ट्विटर वार चल रहा है, वह जूनियर खिलाड़ियों के लिए खतरनाक है। क्योंकि जब सीनियर पहलवान ऐसा करेंगे तो जूनियर खिलाड़ियों पर उसका असर जाएगा। यही नहीं उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि आंदोलन में समर्थन लेने के लिए इन पहलवानों ने खाप पंचायत और किसान संगठनों का सहारा तो लिया, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह से मिलने से पहले किसी से भी कोई विचार-विमर्श नहीं किया और ना ही यह बताया कि अमित शाह के साथ बैठक में उनकी क्या बातचीत हुई। इसलिए वे सभी पहलवानों से कहते हैं कि आपस में विवाद को बढ़ावा ना दें। क्योंकि उन्होंने देश के लिए गौरवशाली काम किया है।
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