नायब सैनी अपना कोई भी कार्यकाल नहीं कर पाए पूरा,जहां भी गए पदोन्नति वा ऊंचा ओहदा मिला

Edited By Isha, Updated: 01 Sep, 2024 02:10 PM

naib saini could not complete his tenure

विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में अपने मुख्यमंत्री के लिए सुरक्षित सीट की तलाश कर रही है। वहीं, नायब सिंह सैनी एक ऐसे नेता बन गए है, जो महज 9 साल के राजनीतिक कैरियर में विधायक से सांसद और प्रदेशाध्यक्ष

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में अपने मुख्यमंत्री के लिए सुरक्षित सीट की तलाश कर रही है। वहीं, नायब सिंह सैनी एक ऐसे नेता बन गए है, जो महज 9 साल के राजनीतिक कैरियर में विधायक से सांसद और प्रदेशाध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच पाए हैं। हालांकि यह बात अलग है कि नायब सिंह सैनी आज तक अपना कोई भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए है, लेकिन इन सबके बावजूद अंजाने में ही सही हरियाणा की राजनीति में वह अपने नाम नया रिकॉर्ड लिखवाने में सफल हो गए है। आखिर नायब सिंह सैनी कैसे ट्रेज़डी किंग से स्टेट किंग बने और उन्होंने राजनीति में क्या रिकॉर्ड बनाया, चलिए जानते हैं...।

नायब सिंह सैनी 9 साल पहले बने MLA अब CM
नायब सिंह सैनी पहली बार साल 2014 में नारायणगढ़ विधानसभा से चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्होंने साल 2019 में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अक्टूबर 2023 में ही बीजेपी ने उन्हें हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। एक सियासी घटनाक्रम में उन्हें मार्च में हरियाणा बीजेपी के विधायक दल का नेता बनाया गया और 12 मार्च 2024 को उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इस प्रकार महज 9 साल के दौरान ही वह एक विधायक, सांसद और प्रदेश अध्यक्ष से होते हुए प्रदेश की सत्ता की सबसे बड़ी कुर्सी तक पहुंच गए। 

एक भी कार्यकाल नहीं कर पाए पूरा
नायब सिंह सैनी 2014 में नारायणगढ़ विधानसभा से चुनाव जीते और 24 जुलाई 2015 को उन्हें हरियाणा सरकार में मंत्री बनाया गया। वह तीन जून 2019 तक हरियाणा सरकार में मंत्री रहे। इसी दौरान कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और वह सांसद के रूप में चुने गए। लोकसभा का सांसद चुने जाने के कारण सैनी को अपने विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। 23 मई 2019 से 12 मार्च 2024 तक नायब सिंह सैनी ने लोकसभा सांसद के रूप में कार्य किया। इसी बीच नायब सिंह सैनी को सांसद के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई। सैनी 28 अक्टूबर 2023 को भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष बने। सांसद और प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए एक नाटकीय घटनाक्रम में 12 मार्च 2024 को उन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसके चलते 9 जुलाई 2024 को उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले सांसद के पद से 12 मार्च 2024 को ही उन्होंने अपना त्याग पत्र दे दिया था। इन सभी को देखे तो नायब सिंह सैनी अपना कोई भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। 2014 में बनी हरियाणा सरकार का कार्यकाल 27 अक्टूबर 2019 तक का था, लेकिन नायब सिंह सैनी को सांसद चुने जाने के कारण मई 2019 में ही अपने विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद मुख्यमंत्री चुने जाने के कारण उन्हें मार्च 2024 में अपने सांसद के और जुलाई 2024 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में वह इन तीनों पदों में से किसी का भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। अब मौजूदा मुख्यमंत्री रहते हुए भी वह अपने इस कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उन्हें चुनाव से महज कुछ महीने पहले ही मुख्यमंत्री बनाया गया। 

बीजेपी में पहली बार एक व्यक्ति के पास रहे तीन पद
हरियाणा की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी एक व्यक्ति के पास राजनीतिक दल में तीन महत्वपूर्ण पद थे। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद रहते हुए नायब सिंह सैनी के पास बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का भी पद था। इन दोनों पदों पर होते हुए ही उन्हें मुख्यमंत्री का पद भी मिल गया। ऐसे में हरियाणा की राजनीति में रहते हुए तीन पदों पर रहने वाले नायब सिंह सैनी पहले राजनेता बन गए। इससे पहले हरियाणा बीजेपी की राजनीति में कभी भी ऐसा नहीं हुआ। 

बीजेपी ने घोषित किया CM चेहरा
एक ओर जहां कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खिंचतान चल रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने पहले से ही नायब सिंह सैनी को अपना अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद एक जनसभा के दौरान इसकी घोषणा की थी। ऐसे में सबकी निगाहें इसी बात पर टिकी हुई हैं कि क्या नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाकर सत्ता की हैट्रिक लगा पाएगी ? खैर इसका खुलासा तो अब 8 अक्टूबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही हो पाएगा, लेकिन इस बार राजनीतिक दलों खासतौर पर कांग्रेस और बीजेपी में टिकट वितरण को लेकर मच रही अफरा-तफरी में चुनावी माहौल काफी गर्म हो सकता है!

 

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