Edited By Gourav Chouhan, Updated: 27 Jan, 2023 05:54 PM
राठी ने बताया कि कोर्ट ने उन्हें जांच में शामिल होने का आदेश दिया था। वे कोर्ट के आदेश पर पिछले 3 दिन से हर रोज बहादुरगढ़ के शहर थाने में पहुंच रहे हैं।
बहादुरगढ़(प्रवीण) : पूर्व मंत्री मांगेराम के बेटे जगदीश नंबरदार की आत्महत्या के मामले में आरोपों से घिरे इनेलो प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी शुक्रवार को बहादुरगढ़ के सिटी थाने पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर जांच में शामिल होने के लिए राठी थाने पहुंचे थे। नफे सिंह राठी का कहना है कि वे पिछले 3 दिन से लगातार शहर थाने में कोर्ट के आदेशों के अनुपालन करने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी के सामने अहम बातें रखना चाहते हैं, रोजाना थाने बुलाने के बावजूद कोई भी पुलिस अधिकारी उनसे बात नहीं कर रहे।
नफे सिंह का दावा, थाना प्रभारी नहीं कर रहे मुलाकात
इनेलो प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कोर्ट ने उन्हें जांच में शामिल होने का आदेश दिया था। वे कोर्ट के आदेश पर पिछले 3 दिन से हर रोज बहादुरगढ़ के शहर थाने में पहुंच रहे हैं। इसके वावजूद शहर थाना प्रभारी उनसे मिल ही नहीं रहे हैं। राठी का कहना है कि वह कुछ अहम बातें मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी के सामने रखना चाहते हैं। नफे सिंह ने यह भी दावा किया कि पूर्व मंत्री मांगेराम के बेटे जगदीश नंबरदार के साथ उनका किसी तरह का कोई झगड़ा नहीं था और न ही जमीन को लेकर कोई विवाद था। राठी ने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए आरोप लगाया कि उन्हें इस केस में फंसाने की साजिश की जा रही है।
वायरल ऑडियो क्लिप को राठी ने बताया राजनीतिक षड्यंत्र
वहीं नफे सिंह राठी ने एक बार फिर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। इतना ही नहीं उन्होंने पूर्व मंत्री मांगेराम के बेटे जगदीश नंबरदार की आत्महत्या से पहले वायरल ऑडियो क्लिप पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि यह ऑडियो क्लिप किसने बनाई और किसने वायरल की, इसकी जांच भी की जानी चाहिए।
राठी समेत 6 के खिलाफ दर्ज है आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला
बता दें कि जगदीश नंबरदार की आत्महत्या के मामले में परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने इनेलो प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी समेत छह लोगों के खिलाफ जगदीश नंबरदार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर रखा है। मामले को लेकर नफे सिंह राठी ने भी न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। वहां से उन्हें अग्रिम जमानत मिली है। साथ ही उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करने के भी आदेश कोर्ट द्वारा दिए गए हैं। फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और मामले की जांच करने के लिए एक एसआईटी का भी गठन किया गया है।
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