Edited By Yakeen Kumar, Updated: 02 Dec, 2024 08:14 PM
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनजेडसीसी) और चंडीगढ़ प्रशासन के संयुक्त उपक्रम में आयोजित 14वें राष्ट्रीय शिल्प मेले मे मंडे (सोमवार) का दिन बच्चों के लिए फनडे की तरह रहा।
चण्डीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनजेडसीसी) और चंडीगढ़ प्रशासन के संयुक्त उपक्रम में आयोजित 14वें राष्ट्रीय शिल्प मेले मे मंडे (सोमवार) का दिन बच्चों के लिए फनडे की तरह रहा। उन्होंने खिली दूप में खिले चेहरों के साथ कला का आनंद लिया और देश की संस्कृति की झलक भी देखी। क्लासरूम से निकलकर दोस्तों के साथ कला की गोद में पहुंचा हर बच्चा खुश दिखाई दिया।
शहर के कई सरकारी स्कूलों ने अपने बच्चों को कलाग्राम स्थित राष्ट्रीय शिल्प मेले में भेजा। स्कूल ग्रुप के साथ आए बच्चों के लिए एंट्री फ्री है। उन्हें लंबी कतार में खड़े होने के बाद स्कूल स्टाफ के साथ मेले का हिस्सा बनने का मौका मिला। अंदर आते ही मानों वे अपने पैरों को थाम नहीं पाए और ढाेल की थाप पर उनके पैर खुद थिरकने लगे। उन्होंने काफी देर तक भांगड़ा किया और फिर कला को परखने का मन बनाया। वे एक-एक करके हर स्टाल पर गए। वहां मौजूद चीजों को देखा और उनका दाम भी पूछा। नई-नई चीजों का अनुभव उनके चेहरों पर वो मुस्कान ला रहा था, जिसकी परिवार कामना करता है।
स्कूली बच्चों के लिए एनजेडसीसी ने भी पूरी तैयारी की थी। स्टेज पर डॉ. सौरभ भट्ट ने प्रश्नोतरी प्रतियोगिता आयोजित की गई। उनके हर स्वाल का बच्चे जवाब देने का प्रयास कर रहे थे। कुछ के जवाब सही रहे और कुछ के गलत। 200 से ज्यादा बच्चे कौन बनेगा करोड़पति की तरह सवाल सुनते और इस तरह से जवाब देते जैसे ये जवाब उन्हें करोड़पति बना देगा।
इसके बाद एनके शर्मा ने उनका ध्यान अपनी ओर खिंचा। वे जादू दिखा रहे थे और बच्चे हैरान-परेशान दिखाई दे रहे थे। अंत में दोस्तों के साथ खाने का मजा लेना उन्हें वो यादगार पल दे गया जो वो हमेशा अपने साथ संजाेए रखना चाहेंगे। यहां बच्चे वो खाना चख रहे थे, जो अलग था।