Edited By Shivam, Updated: 13 Sep, 2020 09:01 PM
किसान अध्यादेश पर चल रहे विवाद के बाद आखिरकार सरकार की तरफ से 3 सांसदों की किसान संगठनों के साथ बैठक पूरी हो गई। जिसके बाद तीनों सांसदों की तरफ से यह दावा किया गया कि बहुत सारे सुझाव किसानों की तरफ से मिले हैं और 16 तारीख को उम्मीद है कि यह अध्यादेश...
पंचकूला (उमंग): किसान अध्यादेश पर चल रहे विवाद के बाद आखिरकार सरकार की तरफ से 3 सांसदों की किसान संगठनों के साथ बैठक पूरी हो गई। जिसके बाद तीनों सांसदों की तरफ से यह दावा किया गया कि बहुत सारे सुझाव किसानों की तरफ से मिले हैं और 16 तारीख को उम्मीद है कि यह अध्यादेश संसद में पास होने के लिए पटल पर रखे जाएं। उससे पहले किसान संगठनों के नेताओं के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मुलाकात कराई जाएगी साथ ही किसानों की परेशानी से उनको अवगत कराया जाएगा।
वहीं किसानों पर हुए लाठीचार्ज की तुलना सांसद धर्मवीर ने बेहद ही बेतुके ढंग से करते हुए कहा कि अगर कोई मच्छर बैठ जाता है तो उसको यह नहीं कहा जाता कि मच्छर काट गया, मच्छर ने काटा नहीं और हमने कह दिया कि मार दिया मार दिया कहां मार दिया।
वहीं बैठक के बाद किसान संगठनों की तरफ से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बैठक में सहमति नहीं बनी है।हालांकि अपने सुझाव उन्होंने सरकार को दे दिए हैं वह चाहते हैं कि एमएसपी नए तरीके से गिना जाए और सी2 का 50फीसदी के हिसाब से नए एमएसपी की गणना हो।
इस बैठक में किसानों के साथ साथ के साथ-साथ मंडी एसोसिएशन के लोग भी शामिल हुए। मंडी एसोसिएशन के लोगों का कहना था कि फलों और सब्जियों को मंडियों से बाहर बेचने की बात पर उन्होंने आपत्ति जताई है क्योंकि यह काम छोटे स्तर पर होता है और इससे किसानों का और मंडी व्यापारियों का दोनों का ही नुकसान होगा।
बहरहाल सरकार कोशिश भले ही कितनी भी कर रही हो लेकिन मीटिंग के बाद भी किसान यूनियन और मंडी एसोसिएशन के रुख को देखते हुए लगता है कि किसान अध्यादेश पर हो रहे यह बवाल जल्दी खत्म नहीं होंगे।