Edited By Yakeen Kumar, Updated: 27 Nov, 2024 04:28 PM
भारत सरकार की ओर से नई दिल्ली में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत के बाद जिला प्रशासन ने एमडीडी ऑफ इंडिया के सहयोग से किया रैलियों व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : भारत सरकार की ओर से नई दिल्ली में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत के बाद जिला प्रशासन ने एमडीडी ऑफ इंडिया के सहयोग से किया रैलियों व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन होगा। आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल पानीपत में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद पानीपत के खण्ड शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र हुड्डा ने पानीपत को बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प दिलाया है।
एमडीडी ऑफ इंडिया बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन है
भारत सरकार के नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के उद्घाटन के मौके पर जिला प्रशासन ने पानीपत में बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहे गैर सरकारी संगठन एमडीडी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर जागरूकता रैलियों का आयोजन किया और लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। एमडीडी ऑफ इंडिया बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 400 से भी ज्यादा जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी सदस्य है।
इस मौके पर आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल जीटी रोड़ पानीपत में हुए समारोह में खण्ड शिक्षा अधिकारी ने स्कूली छात्रों, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर्स और कार्यकर्ताओं, महिलाओं और पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। जिले में जगह-जगह हुए कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) के अलावा बाल विवाह पीड़िताओं ने भी भागीदारी की और बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली।
यह कार्यक्रम देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में किया गया, जिसका उद्घाटन 27 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया। दौरान उन्होंने पंचायतों और स्कूलों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शपथ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस मौके पर बाल विवाहों की सूचना व शिकायत के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल भी शुरू किया गया।
इस मौके पर खण्ड शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र हुड्डा जी ने कहा कि बल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है और यह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन, चुनाव के मूलभूत अधिकारों के हनन के साथ ही उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। हम सब को मिलकर इसके खिलाफ एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाना होगा। इस कार्यक्रम में बीआरसी विक्रम सहरावत और पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी व डिप्टी डायरेक्टर सरोज बाला गुर, जिला बाल संरक्षण कार्यालय से लीगल ऑफिसर सुमन, महिला एवं बाल विकास विभाग से रितु और स्कूल प्रिंसिपल मनीष घनघस भी उपस्थित रहे।
इसके अलावा पानीपत के रसलापुर, गढ़ी भलौर, रक्सेडा, नमुंडा गांवों में शाम को सरपंच, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के नेतृत्व में महिलाओं, युवाओं व बच्चों ने कैंडल मार्च का आयोजन किया और बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक शपथ ली।
इस राष्ट्रव्यापी अभियान और जमीन पर इसके असर की चर्चा करते हुए एमडीडी ऑफ इंडिया के निदेशक सुरेन्द्र मान ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बाल विवाह के खात्मे के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया अभियान इस बात का सबूत है कि सरकार इस सामाजिक बुराई की गंभीरता से अवगत है। आज भी देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है जो न सिर्फ जीवनसाथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है।
सरकार की योजना इस अभियान में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने की है और ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन होने के नाते हम इसमें पूरी तरह साथ हैं। वर्षों से बाल विवाह के खिलाफ काम करने के नाते हम भली भांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती। लेकिन अब हमें विश्वास है कि सरकार और नागरिक समाज के साझा प्रयासों से भारत 2030 से पहले ही बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।”
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)