सरकार को नहीं दिखा अंतिम गांव लतीफपुर, आजादी के 70 साल बाद भी नहीं कोई सुविधा(video)

Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 07 May, 2018 05:04 PM

अंत्योदय योजना की बात करने वाली हरियाणा सरकार में आज भी फरीदाबाद की पृथला विधानसभा का गांव लतीफपुर ऐसा भी है जिसमें आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी गांव बंजारों की जिंदगी जीने को मजबूर है। यह गांव जगमग योजना के अंतर्गत को आता है मगर अभी तक इसमें...

फरीदाबाद(अनिल राठी): अंत्योदय योजना की बात करने वाली हरियाणा सरकार में आज भी फरीदाबाद की पृथला विधानसभा का गांव लतीफपुर ऐसा भी है जिसमें आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी गांव बंजारों की जिंदगी जीने को मजबूर है। यह गांव जगमग योजना के अंतर्गत को आता है मगर अभी तक इसमें एक भी बिजली का खंबा नहीं है। 70 के दशक में बसे गांव के रास्ते कच्चे हैं। गांव में न स्कूल है और न ही कोई आंगनबाडी, इतना ही नहीं वहां दूर-दूर तक कोई स्वास्थ्य केन्द्र भी नहीं है। हैरानी की बात तो यह कि गांव के लोगों का किसी सरकार दस्तावेज में जन्म व मृत्यु का कोई रिकार्ड तक नहीं है। यहां की हालत देखकर ऐसा लगता है कि हम 21वीं सदी में नहीं 19वीं सदी में वापिस पहुंच गए हैं।
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पृथला विधानसभा का अंतिम गांव है लतीफपुर
लतीफपुर गांव बल्लभगढ शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर पृथला विधानसभा का अंतिम गांव है। यहां प्रवेश करने के लिए कच्चे धूल भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। गांव एक बंजारों की बस्ती की तरह नजर आता है, क्योंकि यहां एक-दो पक्के मकानों को छोडकर बाकी सभी मकान कच्चे घास फूस के बने हुए हैं, जिनमें कोई भी बुनियादी सुविधाएं नही हैं। गांव में आज भी ट्रैक्टर व बाइक की बैैट्री से मोबाईल फोन चार्ज किए जाते हैं तो वहीं मनोरंजन की बात तो दूर की है। 
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मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग
ग्रामीणों की माने तो गांव हरियाणा में होने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। गांव हरियाणा और उत्तर प्रदेश सीमा पर बसा हुआ है, शायद इसलिए सरकार की कोई योजना यहां तक नहीं पहुंचती। गांव में देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों को भी उत्तर प्रदेश के शहरों में शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ता है क्योंकि गांव में कोई भी पाठशाला नही हैं। इतना ही नहीं हरियाणा में होने के बाबजूद उन्हें हर जनबुनियादी सुविधाओं के लिए उत्तर प्रदेश जाना पडता है, गांव में कोई भी स्वास्थ्य केन्द्र तक मौजूद नहीं है। 
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मुख्यमंत्री को करवा चुके हैं अवगत पर नहीं ली कोई सुध
गांव के सरपंच ताराचंद भाटी की माने तो गांव के विकास और जन सुविधाओं को लेकर  उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। जिन्होंने अधिकारियों की ड्यूटी लगाई थी मगर अभी तक कोई भी गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा है। वह कोशिश कर रहे हैं कि गांव को सुविधाएं दे सके अगर नहीं दे पाए तो वह अपने आपको सरपंच के काबिल नहीं समझेंगे।
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आज तक सिर्फ एक विधायक ने किया था गांव का रुख 
गांव की दुर्दशा के बारे में क्षेत्र के विधायक टेकचंद शर्मा से बात की गई तो उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि वहां कोई भी सुविधा नहीं हैं। मगर वह पहले ऐसे विधायक हैं जो उस गांव में गए थे। इससे पहले कोई भी विधायक आज तक गांव लतीपुर में नहीं गया। उन्होंने गांव के विकास के लिए कुछ ग्रांट पास करवाई है। उम्मीद है कि जल्द गांव की दशा और दिशा सुधरेंगी।

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