Edited By Updated: 27 Oct, 2016 08:55 PM

मुख्यमंत्री ने रत्नावली युवा महोत्सव में विजेता आर्य पीजी कालेज और रनरअप यूटीडी कुरुक्षेत्र के कलाकारों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने गोल्डन जुबली यूनिवर्सिटी कैलेंडर का विमोचन किया। एन एच् एम कर्मचारियों...
कुरूक्षेत्र (रणदीप रोड): मुख्यमंत्री ने रत्नावली युवा महोत्सव में विजेता आर्य पीजी कालेज और रनरअप यूटीडी कुरुक्षेत्र के कलाकारों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने गोल्डन जुबली यूनिवर्सिटी कैलेंडर का विमोचन किया। एन एच् एम कर्मचारियों को नसीहत दी और कहा हड़ताल का रास्ता छोड़ बातचीत से सुलझाये अपनी समस्याए।सरकार से बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के कला के रत्नों को तराशने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में नए कोर्स शुरू किए जाएं। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सम्बन्धित एक संस्थान की स्थापना की जानी जरूरी है। इन संस्थानों से युवा पीढ़ी शिक्षा और संस्कार लेकर राष्ट्र और समाज में संस्कारों और संस्कृति की जागृति ला सके।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरूवार को देर सायं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभाागर में युवा एवं सांस्कृ़तिक कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित चार दिवसीय रत्नावली युवा राज्य स्तरीय महोत्सव के समापन समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय रत्नावली युवा महोत्सव की ओवर आल चैम्पियन टीम आर्य पीजी कालेज पानीपत और रनर अप टीम यूटीडी कुरुक्षेत्र के कलाकारों को ट्राफी देकर सम्मानित किया। इसके अलावा डीवाईसीए के सांस्कृ़तिक समन्वय डॉ. हरविन्द्र राणा द्वारा स्वर्ण जयंती के गीत की सीडी का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने भारत माता के उद्घोष के साथ अपने सम्बोधन में सर्वप्रथम शहीद सुशील को श्रद्धांजलि अर्पित की और हरियाणा की स्वर्ण जयंती पर युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि रत्नावली जैसे अनोखे सांस्कृतिक कार्यक्रमों से एक विशेष प्रकार की अनुभूति होती है। इस उत्सव में 3500 से ज्यादा कलाकारों ने 32 विधाओं में अपना प्रदर्शन किया। यह एक अनूठा और यादगार उत्सव रहा है। इस उत्सव से युवा पीढ़ी को हरियाणा सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने का मौका मिला और आज युवा पीढ़ी को संस्कृति की पहचान होना बहुत जरूरी है क्योंकि संस्कृति ही देश के प्रति निष्ठा को बनाकर रखती है। देश का प्राचीनतम इतिहास आज भी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है। यह तभी संभव हो पाया जब भारत में आज भी संस्कृति, संस्कार, लोक कला आज भी बरकरार है। इतना ही नहीं देश में आज भी लोग राष्ट्र और समाज के लिए जीते हैं।