CM की भूजल प्रबंधन के प्रति विभागों के आला अधिकारियों में उर्जा का संचार किया- केशनी आनंद अरोड़ा

Edited By Manisha rana, Updated: 20 Feb, 2024 04:46 PM

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हम सबने यह ठाना है हरियाणा को जल सुरक्षित राज्य बनाने के लिए “हरियाणा वाटर रिसोर्सेज अथॉरिटी” एवं “अटल भूजल योजना” के माध्यम से जन-आन्दोलन बनाना है ।मुख्य मंत्री, हरियाणा मनोहर लाल

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हम सबने यह ठाना है हरियाणा को जल सुरक्षित राज्य बनाने के लिए “हरियाणा वाटर रिसोर्सेज अथॉरिटी” एवं “अटल भूजल योजना” के माध्यम से जन-आन्दोलन बनाना है ।मुख्य मंत्री, हरियाणा मनोहर लाल, इस सोच को लेकर अग्रसर हैं।-हरियाणा जल संसाधन अथॉरिटी की चेयरपर्सन श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा का।

अटल भूजल योजना माननीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95 वीं जयंती पर शुरू की गई एक महत्वपूर्ण भूजल प्रबंधन योजना है। इस योजना का उद्देश्य भूजल स्तर में गिरावट को रोकना और समुदायों तथा संबंधित विभागों को सम्मिलित करते हुए भूजल प्रबंधन में सकारात्मक सुधार करना है।  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भूजल प्रबंधन के प्रति गंभीरता ने सम्बंधित विभागों के आला अधिकारियों में उर्जा का संचार किया है, भूजल प्रबंधन राज्य के प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में से एक है I किसानों के प्रति उनकी संवेदना किसी से छिपी नहीं है I मा० मुख्यमंत्री जी किसानों और उनके भविष्य के प्रति हर सम्भव प्रयास करने हेतु सदैव तत्पर रहते हैं I 

हरियाणा जल संसाधन अथॉरिटी की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा का कहना है कि हमारे माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा को भूजल बचाने में अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भूजल के महत्व के संबंध में, जल संरक्षण सतत विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू है, और यह सराहनीय है कि सरकार इस क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिए सकारात्मक कदम उठा रही है। आनंद ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक भूजल-सहेली का चयन किया गया है, जो नियमित रूप से वर्षा जल मापने, भूजल स्तर की जानकारी किसानों एवं ग्रामीणों के साथ साझा करती है I

मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री देवेन्द्र सिंह ने राज्य में भूजल की स्थिति, उपलब्धता एवं प्रबंधन के प्रति सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को त्रुटिरहत आंकड़ों के आधार पर सटीक योजना बनाकर क्रियान्वित करने के लिए प्रोत्साहित किया है I उन्होंने "मेरा पानी मेरी विरासत" अभियान के तहत सरकार द्वारा की गई उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की बर्बादी रोकने के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की है और भूजल के न्यायिक उपयोग को बढ़ावा दिए जाने का आवाहन किया है। 

परियोजना निदेशक, अटल भूजल योजना डॉ. सतबीर सिंह कादियान विभागीय अधिकारियों एवं अभियान में लगे राज्य स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर के समस्त मानव संसाधन को जल संसाधनों के कुशल उपयोग के संबंध में अन्य राष्ट्रों के तुलनात्मक अध्ययन हेतु वैश्विक तस्वीर जैसे मैक्सिको, इज़राइल, सिंगापुर आदि की सर्वोत्तम प्रथाओं की जानकारी साझा करते हैं ताकि तदनुसार बेहतर भूजल प्रबंधन करते हुए भूजल स्तर को बढाया जा सके । 

अटल भूजल योजना के अतिरिक्त परियोजना निदेशक एवं चीफ इंजीनियर श्री बिजेंदर सिंह नारा अटल भूजल योजना सम्बन्धी गतिविधियों के क्रियान्वयन एवं उसकी निगरानी समय पर किये जाने हेतु निरंतर जनपदों को निर्देशित एवं आई.ई.सी. गतिविधियों को सफलता पूर्वक संचालित किये जाने हेतु सक्रियता से संलग्न रहते हैं I उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन के लिए हर कोई जिम्मेदार है और हमें संबंधित विभागों के सकारात्मक सहयोग से मिलकर भूजल प्रबंधन करना ही है । जल स्तर को ऊँचा उठाने हेतु परिणाम प्राप्त करने के लिए संबंधित विभागों की भूमिका और जिम्मेदारियों को संवेदनशील बनाया जाना आवश्यक है।

अटल भूजल योजना के अधीक्षण अभियंता श्री प्रमोद जैन ने बताया कि अटल भूजल योजना के क्रियान्वयन के दौरान योजना के उद्देश्यों, सर्वोत्तम प्रथाओं, जल सुरक्षा योजनाओं के निर्माण, उसके क्रियान्वयन का एस.पी.एम्.यू. द्वारा निरंतर अनुश्रवण किया जा रहा है I क्रियान्वयन की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु बृहद स्तर पर कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर किया जा रहा है I हाल ही में समस्त लक्षित ग्रामों की भूजल सहेलियों का प्रशिक्षण प्रथम वार आयोजित किया जा रहा है ताकि सार्थक परिणाम प्राप्त हो सकें I 

योजना में अब तक लक्षित ग्राम पंचायतों में 1669 रेन गेज, 1000 पीजोमीटर 2000 वाटर फ्लोमीटर, 2 जल गुणवत्ता प्रयोगशाला का निर्माण अटल भूजल योजना के अंतर्गत किया गया है I किसानों को जागरूक कर कम सिंचाई वाली फसलों की ओर फसल विविधीकरण का कार्य किया जा रहा है, किसानों को प्रोत्साहित करके अब तक लगभग 15500 हेक्टेयर जमीन पर धान की सीधी बुबाई पद्धति को किसानों द्वारा अपनाया गया है I नियमित जागरूकता बैठकों, स्कूल रैलियों, वाल पेंटिंग, स्कूल प्रतियोगिताओं, नुक्कड़ नाटक, इत्यादि आई.ई.सी. गतिविधिओं का आयोजन कर किसानों/ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य निरंतर किया जा रहा है I

 

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