Edited By Isha, Updated: 07 Jul, 2024 04:46 PM
करनाल की सहकारी शुगर मिल प्रदेश के दूसरे मिलों के सामने मॉडल बनकर उभरी है। शुगर मिल ने समय पर किसानों को गन्ने का भुगतान कर दिया, इसके साथ ही वह प्रदेश में अव्वल आयी है। गन्ने के वेस्ट से अतिरिक्त कमाई कर शुगर मिल ने
करनाल: करनाल की सहकारी शुगर मिल प्रदेश के दूसरे मिलों के सामने मॉडल बनकर उभरी है। शुगर मिल ने समय पर किसानों को गन्ने का भुगतान कर दिया, इसके साथ ही वह प्रदेश में अव्वल आयी है। गन्ने के वेस्ट से अतिरिक्त कमाई कर शुगर मिल ने करोड़ों रुपए की अतिरिक्त कमाई की हैं। जिससे शुगर मिल पहली बार मुनाफा कमाने वाली सहकारी इकाई बन गई है।
मिल के प्रबंध निदेशक हितेन्द्र कुमार ने कहा कि शुगर मिल और किसानों के बीच बेहतर तालमेल के चलते हम गन्ना किसानों को समय पर भुगतान कर रहे हैं और किसान भी शुगर मिल के साथ पूरा सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि 18 मेगावाट बिजली उत्पादन किया है, जिसमें 6 मेगावाट तक की आंतरिक खपत के बाद बाकी बिजली एचपीपीसी को भेजी जा रही है। हरियाणा बिजली खरीद केंद्र को बिजली की आपूर्ति कर मिल ने चालू पेराई सत्र के दौरान 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित की है। मिल ने अपनी पेराई क्षमता को 2,200 टन गन्ना प्रतिदिन से बढ़ाकर 3,500 टीसीडी कर लिया है। मिल एमडी ने बताया कि तकनीकी दक्षता, पेराई क्षमता और किसानों को समय से भुगतान के चलते करनाल शुगर मिल प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अनेक अवार्ड हासिल कर चुकी है।
महाप्रबन्धक ने कहा कि किसानों को उनकी फसल की बिक्री के पांच दिनों के भीतर भुगतान किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और किसानों का समय बचाने के लिए एक एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन टोकन प्रणाली लागू की गई है, जिससे किसान अपनी डिलीवरी की योजना कुशलतापूर्वक बना सकते हैं और कतार के आंकड़ों की जांच कर सकते हैं। ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था करने में असमर्थ किसानों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए हैं।