Kaithal: अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवकों ने सुनाई दर्द भरी दास्तां, खबर पढ़कर आपका भी दिल पसीज जाएगा

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 06 Feb, 2025 03:02 PM

kaithal youths deported from america narrated their painful slavery

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए कैथल जिले के 5 युवा अपने गांव तो लौट आए हैं, लेकिन वे मानसिक तनाव झेल रहे युवक घर जाने की बजाय दोस्तों और रिश्तेदारों के पास समय बिता रहे हैं। इनमें से चार युवाओं को पंजाब पुलिस ने उनके गांवों तक छोड़ा

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : अमेरिका से डिपोर्ट किए गए कैथल जिले के 5 युवा अपने गांव तो लौट आए हैं, लेकिन वे मानसिक तनाव झेल रहे युवक घर जाने की बजाय दोस्तों और रिश्तेदारों के पास समय बिता रहे हैं। इनमें से चार युवाओं को पंजाब पुलिस ने उनके गांवों तक छोड़ा, लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। 

जिला पुलिस प्रशासन अब अपने स्तर पर इन युवाओं के बारे में जानकारी जुटा रहा है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक इन 4 युवाओं के घर वापसी हो चुकी है। जिनमें साहिल पुत्र चरण सिंह- गांव धुंधरेड़ी, अभिषेक पुत्र बलिंद्र- गांव प्यौड़ा, अंकित, पुत्र साहब सिंह- गांव कसान, अमन पुत्र कृष्ण- गांव अटेला हैं। जबकि 4 अन्य युवाओं की अगली फ्लाइट में आने की बात कही जा रही है। 

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45 लाख रूपये के कर्ज तले दबे

गांव कसान के युवा अंकित ने पंजाब केसरी को आपबीती सुनाते हुए कहा मैं परिवार की आर्थिक स्थिति की वजह से डोंकी रुट से अमेरिका गया था। दोस्तों और रिश्तेदारों से ब्याज व उधार पर करीब 45 लाख रूपये लेकर एजेंट के जरिये अमेरिका गया था। एजेंट ने 45 दिन में अमेरिका पहुंचाने की बात कही थी लेकिन मुझे इस रूट से जाने में सात महीने लग गए। ज्यादा तकलीफ होने की वजह से बीच रास्ते वापस बुलाने की भी कही लेकिन एजेंट ने कहा नहीं पहुँचा दूंगा। 

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पदल चले, कांटेदार तार से कूदे

अंकित ने बताया, डोंकरो ने आपसी पेमेंट के चक्कर में मैक्सिको बॉर्डर पर 45 दिन तक बैठाकर रखा। उसके बाद पहाड़ों के रास्ते से 15-20 किलोमीटर तक पैदल चलवाया। उसके बाद कांटेदार तार क्रॉस करवाई। उसके बाद हम USA पहुंच पाए। अंकित ने बताया कि ये यात्रा जीवन की बेहद मुश्किल दौर में से एक था।

17 फरवरी को आएगा एक और विमान 

अंकित ने बताया कि अमेरिका में भारतीयों की धरपकड़ जारी है। उन्हें वहां सूचना मिली कि 17 फरवरी को एक और विमान अवैध प्रवासियों को लेकर भारत पहुंचेगा। अमेरिकी सरकार, खासकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रभाव के चलते, अवैध प्रवासियों पर सख्ती बरती जा रही है, जिससे यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। 

पंजाब पुलिस ने घर छोड़ा, लेकिन प्रशासन को खबर नहीं  

गांव धुंधरेड़ी के एक और युवक साहिल को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। साहिल के परिवार से जब पंजाब केसरी ने बात की तो उसके भाई ने बताया कि पंजाब पुलिस के जवान सुबह उसे घर छोड़कर गए। उन्होंने कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए और फिर साहिल की फोटो लेकर वापस लौट गए। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी न तो जिला प्रशासन को दी गई और न ही स्थानीय पुलिस को। 

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अंबाला तक हाथ-पैरों में हड़कड़ियों लगाकर लेकर आई पुलिस

घर पहुंचे साहिल के भाई ने बताया कि साहिल 7 महीने पहले घर से अमेरिका के लिए गया था। जिसको वहां जाते हुए 6 महीने से अधिक का समय लग गया। वह अभी 15 दिन से जेल में ही बंद था। जिसे कोई कानूनी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करने दिया गया। जब उसको डिपोर्ट कर घर लाया जा रहा था तब साहिल ने बताया कि अंबाला तक पुलिस ने उसको हाथ और पैरों में हथकड़ियां लगाई हुई थी।

डिप्रेशन में युवा, परिवारों पर कर्ज चुकाने का दबाव 

डिपोर्ट होकर लौटे ये युवा गहरे मानसिक तनाव में हैं। वे घर जाने की बजाय रिश्तेदारों और दोस्तों के पास रह रहे हैं। गांव वाले उनके हालचाल लेने पहुंच रहे हैं, लेकिन परिवारों में इस घटना से मायूसी छा गई है। युवाओं के माता-पिता ने विदेश में नौकरी की उम्मीद में मोटा कर्ज लिया था, लेकिन अब चिंता इस बात की है कि इस कर्ज को चुकाया कैसे जाएगा। 

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