Edited By Manisha rana, Updated: 30 May, 2024 09:16 AM
कैथल एंटी करप्शन ब्यूरो टीम जिला परिषद में हुए 7 करोड़ रुपये के सफाई घोटाले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच में लगी हुई है। बुधवार को दोपहर बाद सभी को अदालत में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने आरोपियों से पूछताछ के लिए विजिलेंस टीम को दो दिन का...
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : कैथल एंटी करप्शन ब्यूरो टीम जिला परिषद में हुए 7 करोड़ रुपये के सफाई घोटाले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच में लगी हुई है। बुधवार को दोपहर बाद सभी को अदालत में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने आरोपियों से पूछताछ के लिए विजिलेंस टीम को दो दिन का पुलिस रिमांड दिया है। आरोपियों को शुक्रवार को दोबारा से अदालत में पेश किया जाएगा।
झूठे बिल बनवा हड़पी थी 7 करोड़ की राशि
अब तक की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने जिले के 151 गांवों में सफाई के फर्जी कागजात तैयार कर अलग-अलग फर्म के नाम झूठे बिल बनवा सात करोड़ की राशि हड़पी थी, जिनमें सबसे ज्यादा कार्य कलायत व राजौंद ब्लॉक के गांव दिखाए गए हैं। अब तक की जांच में ये भी सामने आया है कि आरोपियों द्वारा मस्ट्रोल रजिस्टर पर एक ही समय में एक ही लेबर को कई गांव में सफाई करते हुए दिखाया गया है। जिससे साफ जाहिर होता है कि ठेकेदारों और अधिकारियों को मानों कार्रवाई का कोई भय ही नहीं था, इसलिए वो सभी कार्य फर्जी तरीके से कर रहे थे।
बता दें कि मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने कार्रवाई करते हुए पंचायत राज विभाग के कार्यकारी अभियंता नवीन गोयत, जेई जसवीर सिंह, लेखाकार कुलवंत सिंह सहित चार ठेकेदार अनिल कुमार, अभय, राजेश गर्ग व दिलबाग को गिरफ्तार किया था। जिन्होंने गबन की राशि एक दुसरे के निजी बैंक खातों में ट्रांसफर की हुई थी। विजिलेंस टीम द्वारा जांच के दौरान सबसे आरोपियों की बैंक को रिकॉर्ड में लिया गया। इसके बाद सभी के खातों में ट्रांसफर की गई राशि का मिलान किया। इसके साथ ही जिले की 151 पंचायतों में जाकर उनके गांव में हुई तालाबों की सफाई या अन्य कार्यों की जानकारी हासिल की गई। साढ़े तीन साल के लंबे अन्तराल के बाद जांच में गिरफ्तारी योग्य तथ्य आने के बाद मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
जिला परिषद के CEO व चेयरमैन सहित अन्य से भी हो सकती है पूछताछ: महेंद्र सिंह
मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि इस घोटाले में अभी लम्बी जांच चलेगी। इस दौरान उस समय पद पर रहे सी.ई.ओ व चेयरमैन सहित अन्य के दस्तावेजों की जांच की जाएगी। जांच में यदि किसी की भी संलिप्ता मिली तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाइ जाएगी। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई में बड़ी मछलियों तक अभी आंच नही पहुंची है, जबकि इस पूरे घोटाले के रचियता कई बड़े सफेदपोश बताए जा रहे हैं। जो अपने राजनैतिक प्रभाव के कारण अब तक बचे हुए है। यदि जांच की सुई इधर घुमती है तो कईयों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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