Edited By Yakeen Kumar, Updated: 20 Jan, 2025 08:29 PM
जगदीश सिंह झिंडा ने पद से दिए इस्तीफे के फैसले को कुछ देर में ही वापिस ले लिया। जगदीश सिंह झिंडा जब इस्तीफा देने कुरुक्षेत्र उपायुक्त कार्यालय पहुंचे तभी...
कुरुक्षेत्र (रणदीप रोड) : जगदीश सिंह झिंडा ने पद से दिए इस्तीफे के फैसले को कुछ देर में ही वापिस ले लिया। जगदीश सिंह झिंडा जब इस्तीफा देने कुरुक्षेत्र उपायुक्त कार्यालय पहुंचे तभी उनके समर्थक भी वहां पहुंच गए और उन्हें इस्तीफा देने से रोका और अध्यक्ष बने रहने की गुजारिश की जिससे झिंड़ा ने मान लिया और इस्तीफा वापिस ले लिया।
जगदीश सिंह झिंड़ा ने कहा कि मुझे लगता था कि अगर हम हरियाणा में 21 सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर पाए तो जरूर मुझ में ही कोई कमी होगी इसलिए मैंने अपने सदस्य पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया था लेकिन जब मैं इस्तीफा देने पहुंचा तब मुझे मेरे साथियों ने इस्तीफा देने से रोक लिया। मुझे महसूस हुआ कि कोम को मेरे इस्तीफे से अच्छा महसूस नहीं हुआ, इसलिए मैं फैसला वापिस ले रहा हूं। सिख संगत से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि मैं आगे कभी इस्तीफे बारे सोचूंगा भी नहीं।
गुरुघरों के हितों के लिए लड़ाई रहेगी जारी- झिंड़ा
झिंडा से जब हरियाणा गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान पद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह फैसला सभी सदस्य मिलकर करेंगे, हम गुरुघरों के हितों के लिए इस कमेटी के बीच रहकर लड़ाई लड़ते रहेंगे और आगे प्रधानपद के लिए रणनीति बनाएंगे।
जो साथ मिलना चाहिए था वो नहीं मिला- मुल्तानी
वहीं कुलदीप सिंह मुल्तानी ने कहा कि यह इमरजेंसी बैठक बुलाई गई है, जब हमें पता चला कि जगदीश सिंह झिंडा अपना इस्तीफा देने जा रहे है तो हमने उन्हें रोका और कोम की लड़ाई जारी रखने की बात कही। इस्तीफे पर मुल्तानी ने कहा कि झिंड़ा को महसूस हुआ कि संगत का उतना सहयोग नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था। इसलिए इस्तीफा दे रहे थे। सभी साथियों ने डीसी ऑफिस पहुंचकर जगदीश सिंह झिंडा को इस्तीफा ने देने के लिए मना लिया है। उन्होंने कहा कि अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, संगत ने जो दिया वो सिर माथे पर रहेगा।