Edited By Isha, Updated: 25 Oct, 2024 06:56 PM
इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. ओम प्रकाश चौटाला से अनुमति लेने के उपरांत आदित्य देवीलाल को विधानसभा में इनेलो पार्टी का विधायक दल का नेता और अर्जुन चौटाला को चीफ व्हिप नियुक्त किया
चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी ): इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. ओम प्रकाश चौटाला से अनुमति लेने के उपरांत आदित्य देवीलाल को विधानसभा में इनेलो पार्टी का विधायक दल का नेता और अर्जुन चौटाला को चीफ व्हिप नियुक्त किया। शुक्रवार को विधानसभा सत्र के दौरान इनेलो के नवनिर्वाचित विधायक आदित्य देवीलाल और अर्जुन सिंह चौटाला को प्रोटेम स्पीकर ने विधायक पद की शपथ दिलवाई।
नवनिर्वाचित स्पीकर एवं डिप्टी स्पीकर को बधाई देते हुए अपने संबोधन में आदित्य देवीलाल ने कहा कि विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनो परिवारों का इनेलो पार्टी से गहरा संबंध रहा है और दोनो परिवार चौ. देवीलाल और चौ. ओम प्रकाश चौटाला के परिवारिक सदस्य और संर्घष के साथी रहे हैं। अबकी बार उनके और अर्जुन चौटाला समेत विधानसभा में 40 नए विधायक चुन कर आए हैं जिन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र में बहुत मेहनत की है और अपने क्षेत्र के लोगों के आर्शिवाद और सहयोग से पहली बार विधायक चुन कर आए हैं।
सभी आशा करते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नए चुनकर आए सभी विधायकों को सदन में अपनी बात रखने का पूरा मौका देंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस और इनेलो तीन मुख्य दल हैं और उम्मीद करते हैं कि सदन में कोई भी कार्रवाई हो उसमें प्रोटोकॉल के हिसाब से बिना किसी भेदभाव के इनेलो पार्टी को साथ लेकर चलेंगे। आदित्य ने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रदेश में नई चुनी गई सरकार का आज विधानसभा सत्र का पहला दिन है और सदन में कोई रौनक नहीं है उन्हें लगता है कि इसका कारण है कि जो विपक्ष में बैठे थे उन्होंने लड्डुओं की तैयारी कर रखी थी और जो सत्ता में थे वो अचंभित हैं कि उनका दाव कैसे लग गया।
इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत के संविधान के अनुछेद 208(1) की निष्पक्ष व्याख्या की जाएगी। अखिरकार यह हमारी विरासत और संस्कृति ही है जो हमें परिभाषित करती है। उन्होंने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि सत्र की अवधि के मामले में हरियाणा हमेशा पीछे रहा है। सदन की बैठकों की अवधि लंबी होनी चहिए जो इस सदन के सभी 90 विधायकों को सशक्त बनाएगी जो राज्य के मुद्दों को ईमानदारी से उठाने के लिए 2 करोड़ से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।