Edited By Isha, Updated: 05 Feb, 2020 05:35 PM
अगर आप एक किसान हैं और अपनी बंजर जमीन से सही मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। बंजर जमीन पर अच्छी फसल की पैदावार नहीं हो पाती, जिससे किसानों को उनकी लागत
रोहतक (दीपक भारद्वाज) : अगर आप एक किसान हैं और अपनी बंजर जमीन से सही मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। बंजर जमीन पर अच्छी फसल की पैदावार नहीं हो पाती, जिससे किसानों को उनकी लागत का मूल्य भी उस फसल से नहीं मिल पाता। किसानों की इसी समस्या के लिए केन्द्र सरकार की ओर से कई प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं, जिनमें से एक है मछली पालन। कृषि अर्थशास्त्री बताते हैं कि अगर मछली पालन की खेती सही तरीके से की जाए तो किसानों की आय दोगुनी नहीं तीन गुना हो सकती है।
इसी तरह का एक प्रोजेक्ट रोहतक जिले के लाहली गांव में लगाया गया है, जहां पर बंजर जमीन पर झींगा मछली की खेती की जाती है। इस प्रोजेक्ट को देखने के लिए वल्र्ड बैंक के कृषि अर्थशास्त्री एडवर्ड वर्जन भी पहुंचे। एडवर्ड वर्जन ने बताया कि हरियाणा और पंजाब में बहुत सी जमीन ऐसी है जो खेती के लायक नहीं है। लेकिन उस पर मछली पालन कर किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है।
एडवर्ड वर्जन ने बताया कि कहा कि मछली पालन की खेती के लिए राष्ट्रीय खेती उच्चतर शिक्षा का प्रोजेक्ट चलाया गया है, जिस पर कुल 11 सौ करोड़ रुपए खर्चा आना है। जिसमें से 50 प्रतिशत खर्च वल्र्ड बैंक वहन करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रोजेक्ट से जहां किसानों को तो लाभ मिलता ही है, साथ ही विद्यार्थियों को भी अच्छी जानकारी इस व्यवसाय को लेकर मिल जाती है और वह उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा पाते हैं।
वही केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान मुंबई के निदेशक गोपाल कृष्णा भी लाहली गांव पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन खेती में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बंजर जमीन पर इस खेती को करने के लिए यह प्रोजेक्ट बहुत महत्वपूर्ण है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस खेती के बारे में प्रशिक्षित करना है। उनका संस्थान भारत सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों को लेकर काम करता है। जिस तरह का यह व्यवसाय है उससे किसानों की आय दोगुनी नहीं बल्कि 3 गुना हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय को करने के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 20 से 25 लाख का खर्च आता है और हर 4 महीने में 6 से 10 लाख तक की आमदनी प्रति हेक्टेयर हो सकती है।